चारधाम यात्रा 2021: बिना दर्शन लौटने को मजबूर तीर्थयात्री, संख्या बढ़वाने के लिए अब हाईकोर्ट जाएगी सरकार
चारधाम यात्रा में प्रतिदिन तय की गई तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़वाने के लिए सरकार फिर से हाईकोर्ट जाएगी। याचिका दाखिल कर सरकार कोर्ट से तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने का आग्रह करेगी। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में सीमित संख्या तय होने के कारण कई तीर्थयात्रियों को बिना दर्शन किए ही वापस लौटना पड़ रहा है।
बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों की ओर से चारधाम यात्रा के लिए स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की गई थी। कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सरकार ने कोर्ट के दिशा-निर्देश पर प्रतिदिन के हिसाब से चारों धामों के लिए तीर्थ यात्रियों की संख्या तय कर दी थी। बदरीनाथ में एक हजार, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्रियों की अधिकतम संख्या (प्रतिदिन) तय है। देवस्थानम बोर्ड की ओर से तय संख्या के आधार पर दर्शन के लिए ई-पास जारी किए जा रहे हैं।
प्रदेश में चारधाम यात्रा 18 सितंबर को शुरू हुई थी, रविवार तक 17552 तीर्थयात्री चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं। 15 अक्तूबर तक चारों धामों में इस संख्या के आधार पर पंजीकरण फुल हो चुके हैं। इसी समस्या से पार पाने के लिए अब सरकार ने फिर हाईकोर्ट जाने का मन बना लिया है। सरकार कोर्ट से आग्रह करेगी कि तीर्थयात्रियों का रुझान और उनकी समस्याओं को देखते हुए प्रतिदिन के लिए तय अधिकतम संख्या को बढ़ा दिया जाए।
रविवार को दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या
धाम तीर्थयात्री
बदरीनाथ 750
केदारनाथ 639
गंगोत्री 461
यमुनोत्री 400
चारों धामों में सीमित संख्या होने से कई तीर्थ यात्री बिना दर्शन के वापस लौट रहे हैं। यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए कोर्ट से आग्रह किया जाएगा। इसके लिए जल्द याचिका दायर की जाएगी।
सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री, उत्तराखंड
एक ही धाम के दर्शन में लग रहे दो से तीन दिन
चारधाम यात्रा के लिए जारी राज्य सरकार की एसओपी आस्था पर भारी पड़ रही है। यात्रा के लिए पहले धाम यमुनोत्री में एक दिन में 400 तीर्थयात्रियों के दर्शन पूजन की अनुमति है, जो चारों धामों में से सबसे कम है। जिससे तीर्थयात्रियों को पंजीकरण के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। यमुनोत्री धाम के दर्शन में ही दो से तीन दिन का समय लग रहा है।
कोरोना महामारी के कारण चारधाम यात्रा प्रतिबंधित थी। बाद में न्यायालय ने मामले का संज्ञान लिया और सरकार को कोविड 19 का ध्यान रखते हुए 16 सितंबर को यात्रा शुरू करने को आदेश जारी किया, जिस पर सरकार ने एसओपी जारी कर ई-पास के साथ अलग- अलग धामों के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित कर दी। जो कि विभिन्न क्षेत्रों से आ रहे श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बनता जा है।
श्रद्धालुओं का कहना है कि सरकार अपने नियमों पर खरी न उतरने से हमें मानसिक तनाव के साथ समय, आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। एक ही धाम में दो तीन दिन लग रहे हैं। यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए राजा मजूमदार, सुधाकर, मोना चौधरी, श्रीकुमार चटर्जी, विजयदास आदि ने कहा कि यमुनोत्री जाने से रोका जा रहा है, जब पहले ही धाम में यह हालत है तो अन्य तीन धामों में क्या होगा।
इधर, होटल व्यवसायी विशालमणी रतूड़ी, पुरोहित समाज के पुरुषोत्तम उनियाल, पवन उनियाल, अनोज, आशुतोष आदि का कहना है कि ऐसी यात्रा खोलकर कोई फायदा नहीं है। इससे तीर्थयात्री परेशान हो रहे हैं। एसडीएम शालिनी नेगी का कहना है कि तीर्थयात्रियों की सीमित संख्या न्यायालय की ओर से ही तय की गई है। नियमों से बंधे होने के चलते ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता है। तीर्थयात्रियों की समस्याओं से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है