बीते दिनों हुई बारिश से यह ट्रेक ग्लेशियर प्वाइंट के साथ ही कई जगहों पर क्षतिग्रस्त पड़ा हुआ है। इसे देखते हुए घाटी में पर्यटकों की आवाजाही रोक ली गई है।
फूलों की घाटी को जोड़ने वाला ट्रेक कई जगहों पर क्षतिग्रस्त होने के कारण नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन की ओर से पार्क में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। प्रतिवर्ष घाटी को आगामी 31 अक्तूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिया जाता है, लेकिन बारिश से जगह-जगह ट्रेक ध्वस्त हो जाने से पार्क प्रशासन की ओर से घाटी में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
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फूलों की घाटी के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती ने बताया कि हेमकुंड साहिब के प्रमुख पड़ाव घांघरिया से फूलों की घाटी के लिए ट्रेक जाता है। बीते दिनों हुई बारिश से यह ट्रेक ग्लेशियर प्वाइंट के साथ ही कई जगहों पर क्षतिग्रस्त पड़ा हुआ है। इसे देखते हुए घाटी में पर्यटकों की आवाजाही रोक ली गई है। घाटी को 31 अक्तूबर को पर्यटकों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया जाएगा।
पिंडारी ग्लेशियर की ट्रेकिंग के लिए पहली बार रवाना हुआ दल
देवाल ब्लाक से पिंडारी ग्लेशियर की ट्रेकिंग के लिए पहली बार 20 सदस्यीय दल रवाना हुआ है। ट्रेकिंग दल शुक्रवार को रैन गांव पहुंचा तो यहां के ग्रामीणों ने उनका फूल-मालाओं से स्वागत किया। साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला पर्यटन विभाग की ओर से 20 सदस्यीय प्रशिक्षित ट्रेकिंग दल को देवाल-मानमती-पिंडारी ग्लेशियर की ट्रेकिंग के लिए भेजा गया है।
पूर्व ज्येष्ठ उपप्रमुख हरेंद्र कोटेड़ी और नरेंद्र बिष्ट ने कहा कि यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पहली बार इस ट्रेक पर ट्रेकिंग दल पहुंचा है, जिससे ग्रामीणों में उत्साह का माहौल है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही इस ट्रेक पर रोमांच का सफर भी तय होता है।
यदि प्रतिवर्ष इस ट्रेक पर पर्यटकों की आवाजाही होती है तो क्षेत्र के युवाओं को रोजगार मिल जाएगा, होम स्टे योजना का ग्रामीणों को लाभ मिलेगा और क्षेत्र की बदहाल सड़कों का सुधारीकरण होगा। इस मौके पर राजेंद्र सिंह, गोविंद सिंह, चंद्र सिंह, त्रिलोक सिंह, नरेंद्र सिंह, कलम सिंह और रविंद्र सिंह आदि मौजूद थे।