सदन में पेश हुआ महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का विधेयक..
उत्तराखंड: विधानसभा का सात दिवसीय शीतकालीन सत्र आज मंगलवार से शुरू हो गया है। सदन की शुरूआत हंगामेदार हुई है। इस दौरान विपक्ष ने सरकार को घेरने का काम किया है।बता दे कि सदन के पहले दिन उत्तराखंड में 6 विधेयक अधिनियम बने है। जिसमें उत्तराखंड विनियोग विधेयक 2022 को पाँचवा अधिनियम तो उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा अग्नि निवारण औऱ अग्नि सुरक्षा (संसोधन) विधेयक 2022 को छठवां अधिनियम बनाया गया है। उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि ब्यवस्था अधिनियम, 1950) (संसोधन) विधेयक 2022 सातवां अधिनियम, उत्तराखंड उधम एकल खिड़की सुगमता औऱ अनुज्ञापन (संसोधन) विधेयक 2022 को आठवां अधिनियम बनाया गया है।
बताया जा रहा है कि औधोगिक विवाद (उत्तराखण्ड संसोधन) विधेयक 2020 बना नवां अधिनियम, उत्तराखण्ड सिविल विधि (संसोधन) विधेयक 2021 बना दसवां अधिनियम बनाया गया है। वहीं 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ का विधेयक सदन में पेश किया गया। तो वहीं हल्द्वानी विधायक सुमित हिरदेश ने विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया। बता दें कि सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कानून व्यवस्था पर कांग्रेस ने नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की। कांग्रेस के कुछ विधायक सदन के बाहर धरने पर बैठ गए। वहीं विधायक संजय डोभाल वन प्रभागों में दैनिक मजदूरी करने वाले मजदूरों का मामला भी सदन में उठाया। कहा कि वर्षों से कम मानदेय पर काम कर रहे इन मजदूरों को नियमित किया जाए।