विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हुए बाबा केदार के कपाट..
केदारनाथ। भैया दूज के पावन अवसर पर केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए गए। विधि-विधान के साथ कपाट बंद होने के बाद सेना की भक्तिमय बैंड धुनों के साथ बाबा की पंचमुखी विग्रह मूर्ति शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए रवाना हुई। कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जगत कल्याण के लिए तपस्यारत हो गए हैं। डोली धाम से रवाना होकर विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंची तथा 29 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में विराजमान होगी और 30 अक्टूबर से भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा आंेकारेश्वर मन्दिर में विधिवत शुरू होगी। केदारनाथ धाम यात्रा में इस वर्ष रिकार्ड तोड़ संख्या में 15 लाख 61 हजार 882 भक्तों ने पूजा-अर्चना, जलाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना की।
गुरूवार ब्रह्म बेला पर प्रधान टी गंगाधर लिंग व विद्वान आचार्यों ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू लिंग का घृत से अभिषेक किया तथा ठीक चार बजे से भगवान केदारनाथ के स्वयंभू लिंग का पूजन करने के बाद स्वेत वस्त्र, बाघम्बर, चन्दन, भस्मी, अक्षत्र, भृंगराज फल, पुष्पों सहित अनेक प्रकार की पूजा सामाग्रियों से भगवान केदारनाथ के स्वयंभू लिंग को समाधि देने के बाद ठीक छः बजे भगवान केदारनाथ के गर्भ गृह के कपाट शीतकालीन के लिए बंद कर दिए गए। गर्भ गृह के कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली का विशेष श्रृंगार किया गया। ठीक साढ़े आठ बजे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली सभा मंडप से मंदिर परिसर लाई गई तो सैकड़ों भक्तों की जयकारों से केदारपुरी गंुजायमान हो उठी।
इसके बाद भकुंट भैरव नाथ के आहवान के साथ ही गर्भगृह तथा मुख्य द्वार को जिला प्रशासन की मौजूदगी में बंद किया गया। इसके साथ ही पूरब द्वार को भी सीलबंद किया गया। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली ने मुख्य मन्दिर की परिक्रमा करने के बाद शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ के लिए रवाना हुई तथा लिनचोली, भीमबली, जंगलचटटी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग, सीतापुर यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंची। शुक्रवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली रामपुर से रवाना होकर अंतिम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी तथा शनिवार को शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में विराजमान होगी और फिर भगवान केदारनाथ की छः माह की शीतकालीन पूजा-अर्चना यहीं पर होगी।
इस मौके पर मन्दिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, यात्रा मजिस्ट्रेट गोपाल राम बिनवाल, मंदिर समिति सदस्य सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, केदारनाथ सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, लक्ष्मी नारायण जुगराण, कुबेरनाथ पोस्ती, राजकुमार तिवारी, उमेश चन्द्र पोस्ती, सन्तोष त्रिवेदी, देवानन्द गैरोला, केके बिष्ट, तहसीलदार दीवान सिंह राणा, कार्यधिकारी आरसी तिवारी, खुशहाल सिंह नेगी, ओंकार शुक्ला, मीडिया प्रभारी डाॅ हरीश गौड़, स्वयम्वर, सेमवाल, यशोधर मैठाणी, मृत्यंुजय हिरेमठ, उमेद सिंह नेगी, मनोज शुक्ला, उमेश शुक्ला, तीर्थ पुरोहित समाज, मन्दिर के अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि, 11 मराठा रेजिमेंट की बैड पार्टी सहित हजारों श्रद्धालु मौजूद थे।