अब दाखिल खारिज के लिए नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर-सीएम धामी..
उत्तराखंड: धामी सरकार ने जनता के हित में बड़ा फैसला लिया है। शहरी क्षेत्रों में दाखिल खारिज का पेच दूर हो गया है। अब सभी निकाय क्षेत्रों में पहले की तरह जमीनों का दाखिल-खारिज हो सकेगा। जिसके लिए प्रक्रिया तय कर दी गई है। साथ ही अब देहरादून में सम्पत्ति के नामांतरण के लिए लोगों को निगम आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
प्रदेश सरकार ने गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम 1901) बनाने की प्रक्रिया तय है, जबकि संशोधन 2022 लागू कर दिया है। राज्यपाल की संस्तुति के बाद प्रमुख सचिव हीरा सिंह बोनाल की ओर से इस संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि लंबे समय से दाखिल खारिज और भू- त्रुटि सुधार संबंधी मामलों का निपटारा नहीं हो पा रहा था। अब पूर्व की भांति दाखिल खारिज और भूलेख संबंधी त्रुटि के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों को सक्षम प्राधिकारी बना दिया गया है।
आपको बता दे कि दिसंबर 2020 में हाईकोर्ट ने एक मामले में लैंड रेवेन्यू (एलआर) एक्ट में राजस्व विभाग के कार्यों को नगर निकाय की सीमा में म्यूनिसिपल कार्पोरेशन एक्ट 1975 के तहत कराने के आदेश दिए थे। कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 243 क्यू में नगर पंचायत, नगरपालिका, नगर निगम ही दाखिल खारिज करेंगे। जिसके बाद से असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी।