हरिद्वार बस्ती में घुसा गुलदार..
दरवाजे बंद कर छतों में भागे लोग..
उत्तराखंड : हरकी पैड़ी के निकट भूरे की खोल बस्ती में मंगलवार को गुलदार घुस गया। वह बस्ती के नजदीक हनुमान मंदिर के आसपास घूमता रहा। गुलदार की डर से लोगों ने घरों के दरवाजे बंद कर दिए और छतों से वीडियो बनाते रहे। वन विभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने घंटों की मशक्कत के बाद गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया।
उत्तरी हरिद्वार की कई कॉलोनियां राजाजी रिजर्व के जंगल से सटी हैं। भूरे की खोल बस्ती भी जंगल के नजदीक है। क्षेत्र में पिछले कई दिनों से गुलदार दस्तक दे रहा था। मंगलवार सुबह 9.30 बजे से गुलदार हनुमान मंदिर के पास दिखा। मंदिर से वह भूरे की खोल बस्ती में पहुंच गया। बस्ती में गुलदार देखकर लोगों में दहशत मच गई। गुलदार बस्ती की गलियों में टहलता रहा।
लोग दरवाजे बंद कर छतों से पत्थर मारकर गुलदार को भगाते दिखे, जबकि कई लोग वीडियो बनाते नजर आए। सूचना पर वन विभाग की टीम पिंजरा लेकर पहुंची। टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और ट्रेंकुलाइज कर गुलदार को बेहोश कर पिंजरे में कैद कर लिया।
स्थानीय लोगों के मुताबिक गुलदार पिछले 15 दिन से आवाजाही कर रहा है। वह बस्ती क्षेत्र में आकर मनसा देवी मार्ग के पास जंगल में चला जाता है। स्थानीय लोगों की सूचना पर राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन कई दिनों से गुलदार को ट्रैप कर रहा था। वन विभाग ने कई जगहों पर पिंजरे भी लगाए थे, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ सका। मंगलवार को बस्ती में आने पर वन विभाग ने उसे रेस्क्यू कर लिया।
हरिद्वार के डीएफओ दीपक कुमार ने बताया गुलदार उम्रदराज है। वह जंगल में शिकार करने में सक्षम नहीं है। जंगल में शिकार नहीं मिलने पर वह आबादी क्षेत्र में आवाजाही कर रहा है। डीएफओ ने बताया कि भूरे की खोल बस्ती में गुलदार ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। उसका सफल रेस्क्यू किया गया। श्रीनगर नगर क्षेत्र के अलकनंदा विहार में गुलदार का शावक एक घर के पिछले हिस्से (गैलरी) में घुस गया। बाद में वन विभाग ने शावक को ट्रेक्यूलाइज कर पिंजरे में कैद कर पौड़ी ले गए।
गुलदार का शावक घर की चहारदीवार लांघते हुए शैलेश कुमार के घर के पीछे गैलरी में चला गया। गुलदार के घर में घुसने पर हल्ला मच गया। शोरगुल होने और लोगों की आवाजाही होने पर गुलदार वहीं दुबक गया। सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस और पौड़ी से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. रजनीश पांडे ने गुलदार का आकार देखकर बेहोश करने के लिए डोज बनाई।
तत्पश्चात गुलदार को ट्रेक्यूलाइज किया गया। वनकर्मियों ने गुलदार को पकड़कर पिंजरे में कैद किया। वन क्षेत्राधिकारी अनिल भट्ट ने बताया कि गुलदार के शावक की उम्र लगभग डेढ़ साल है। शावक स्वस्थ है। श्रीनगर गुलदार का हॉट स्पॉट बन गया है। यहां लोगों ने आबादी क्षेत्र में चार से पांच गुलदार दिखाई देने की शिकायत की है। पिछले एक माह से गुलदार डांग, भक्तियाना, आशीष विहार, बजीरों के बाग और कमलेश्वर में दिखाई दे रहा था।
मंगलवार सुबह कैद हुए गुलदार का आकार पूर्व में देखे गए गुलदार से मेल खा रहा है। रेंजर अनिल भट्ट का कहना है कि श्रीनगर में लगातार निर्माण कार्य हो रहे हैं। ऐसे में उनके प्राकृतिक रास्ते बंद हो गए हैं। गुलदार को पानी पीने नदी की ओर आना होता है। इनका कोई समय निर्धारित नहीं होता है। नदी से लौटते समय चहल-पहल शुरू हो जाती है। ऐसे में बचने के लिए ओट में घुसने की कोशिश करते हैं।