पर्वतारोहण के बाद कूड़ा वापस नहीं लाने पर जब्त हो जाएगी जमानत राशि
उत्तराखंड: अब पर्वतारोहियों को चोटियों में आरोहण से पूर्व वन विभाग की चौकी में उनके पास मौजूद जैविक और अजैविक कूड़े की जानकारी देने के साथ ही वन चौकी में जमानत राशि भी देनी पड़ेगी। आरोहण से लौटने के बाद जैविक और अजैविक कूड़े को दी गई सूची से मिलाया जाएगा। इसके साथ ही पर्यटकों को भी जमानत राशि और कूड़े की जानकारी देनी होगी।
अगर सूची में मौजूद जैविक और अजैविक कूड़ा नहीं मिला तो उनकी जमानत राशि जब्त कर दी जाएगी। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहे जैविक और अजैविक कूड़े और बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए ये निर्णय लिया गया है। पर्वतारोहण में जाने वाले पर्वतारोहियों को उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित वन विभाग की प्रथम चौकी में उनके पास मौजूद जैविक और अजैविक कूड़े का ब्योरा देना होगा। कूड़े के ब्यौरे के साथ उन्हें जमानत राशि भी दी जाएगी। विदेशी पर्वतारोहियों से 10 हजार और भारतीय पर्वतारोहियों से पांच हजार रुपये जमानत राशि ली जाएगी। आरोहण के बाद वन विभाग पर्वतारोहियों के मौजूद कूड़े को फिर सूची से मिलाया जाएगा। अगर कूड़ा कम मिले तो उनकी जमानत राशि को जब्त कर दिया जाएगा।
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ओम पर्वत, आदि कैलाश, नंदा देवी, पंचाचूली, सुजतिल्ला पिक, त्रिशूल पिक आदि