मुख्यमंत्री ने विजय दिवस पर शहीद सैनिकों को दी श्रद्धांजलि..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह हमारी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र की नीतियों का परिणाम है कि जो लोग जनरल बिपिन रावत जैसे जाबांज सैनिक को गली का गुंडा कहते थे, आज वो उनकी तस्वीर लगाने के लिए मजबूर है। उन्होंने राहुल गांधी की रैली को दिशाहीन बताया। उनका कहना हैं कि रैली में वही घिसी पिटी बातें कही गईं। धामी का कहना हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है।
उनके नेतृत्व में सेना और सैनिकों के लिए जितने सकारात्मक और गौरव बढ़ाने वाले फैसले हुए, उतने कभी नहीं हुए। मोदी सरकार में ही वन रैंक वन पेंशन का मसला हल हुआ। सेना को आधुनिक हथियारों से सुसज्जित किया गया। सेना को अधिकार मिले। देश की सीमाएं शक्तिशाली हुई। धामी ने कहा कि जो कर्म नहीं करते थे। सेना के पराक्रम पर सवाल उठाते थे। सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रश्न उठाते थे। सेना से सबूत मांगते थे, वो लोग सेना के सम्मान की बात कर रहे हैं। वे ऐसा करने को मजबूर हुए हैं, क्योंकि मोदी है तो मुमकिन है।
1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सशस्त्र सेनाओं की ऐतिहासिक जीत के पचास साल पूरे हो गए हैं। स्वर्णिम विजय दिवस पर देश-प्रदेश में इस युद्ध के वीर सैनिकों के शौर्य, पराक्रम व बलिदान को याद किया गया। उत्तराखंड में भी अलग-अलग स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित हुए, जिसमें सैनिकों की शहादत को नमन किया गया। साथ ही बहादुर सैनिकों व वीर नारियों का सम्मान किया गया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस के अवसर पर स्थानीय गांधी पार्क स्थित करगिल वार मेमोरियल पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री का कहना हैं कि भारत के सैन्य इतिहास में 16 दिसंबर का दिन वीरता व पराक्रम का ऐतिहासिक दिन है।
देश की एकता व अखंडता के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले जवानों को नमन करते सीएम ने कहा कि इन जवानों की वजह से ही देश के नागरिक चैन की नींद सोते हैं। देवभूमि उत्तराखंड की सदैव देशभक्ति व राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना रही है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा ही देश के सैनिकों का मनोबल बढ़ाने का कार्य किया है। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, स्थानीय विधायक खजानदास, जिलाधिकारी आर राजेश कुमार, पूर्व सैनिक, एनसीसी के कैडेट आदि भी मौजूद रहे।