प्रधानाध्यापिका गायब, ठेके पर चल रहा स्कूल
उत्तराखण्डः पौड़ी गढ़वाल से एक मामला सामने आया है जहां पर थलीसैंण ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय, बग्वाड़ी में शिक्षिका की जगह एक गांव की लड़की पढ़ा रही थी। प्रधानाध्यापिका ने अपने स्थान पर ढाई हजार रुपए महीने में गांव की एक लड़की को स्कूल में रख दिया। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापिका का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं।
मंगलवार को सीईओ डा0 आनंद भारद्वाज ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय बग्वाड़ी का औचक निरीक्षण किया डा0 भारद्वाज ने बताया कि औचक निरीक्षण में पाया गया कि यहां तैनात प्रधानाध्यापिका अपने स्थान बच्चों को पढ़ाने के लिए गांव की एक लड़की को रखा है। जिसके एवज में प्रधानाध्यापिका लड़की को ढाई हजार रुपए महीने देती है।
प्रकरण को बेहद गंभीर बताते हुए सीईओ ने प्रधानाध्यापिका के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है। उप शिक्षाधिकारी थलीसैंण को इस प्रकरण की विस्तृत जांच कर प्रधानाध्यापिका का स्पष्टीकरण देने को कहा है। सीईओ ने कहा कि जब तक औचित्यपूर्ण स्पष्टीकरण नहीं मिल जाता है तब तक प्रधानाध्यापिका के वेतन पर अग्रिम आदेशों तक रोक रहेगी।
उत्तराखण्ड में शिक्षक पहाड़ो पर चढ़ने से हमेशा से ही बचते आये हैं जिनके चलते ये नौबत आ गयी है कि गांवों के कई सरकारी स्कूल बंद करवाने पडे हैं। ऐसा भी नहीं है कि सारे ही शिक्षक इस दायरे में आते हों इनमें से बहुत से शिक्षक ऐसे हैं जो जी जान से मेहनत कर बच्चों का भविष्य सवार रहे हैं।