विदेश मंत्रालय की पहल पर युवा उद्यमियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण..
देश-विदेश: भारत के उद्यमिता (आंत्रप्रेन्योरशिप) कौशल की तर्ज पर विश्व के अन्य देशों में भी युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। विदेश मंत्रालय की पहल पर भूटान, मैक्सिको, साउथ सूडान, सूडान, तजाकिस्तान, अफगानिस्तान, इथोपिया, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, बोस्वाना, एस्वातिनी, नाइजीरिया समेत 13 देशों के 29 युवा भारत में लघु उद्यम का प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन्हें भारतीय उद्यमिता मॉडल भी दिखाया जा रहा है।
राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निसबड) में 8 हफ्ते का प्रशिक्षण 23 जनवरी को शुरू हुआ था, जो 17 मार्च को समाप्त होगा। इस दौरान विदेशी युवा उद्यमियों को भारत सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी अलग-अलग सत्रों में सरकार के उद्यमिता मॉडल के बारे में बताया। इसमें बताया गया कि नए व युवा उद्यमियों को किस तरीके से भारत सरकार उद्यम के लिए प्रोत्साहित कर रही है और किस तरह से युवा अपना उद्यम स्थापित कर अन्य लोगों को रोजगार के अवसर दे रहे हैं।
विदेश मंत्रालय का 165 देशों से है समन्वय..
विदेश मंत्रालय के इंडियन टेक्निकल एंड इकॉनमिक कॉपरेशन (आईटेक) डिविजन की तरफ से निसबड में यह कार्यक्रम चल रहा है। संस्थान की एक अधिकारी ने बताया कि विदेश मंत्रालय का समन्वय 165 देशों से है। प्रशिक्षण ले 13 देशों के युवाओं में से अधिकांश भावी उद्यमी हैं तो कुछ सरकारी कर्मचारी हैं। यहां युवाओं को स्वउद्यम के नए तरीके बता भारत सरकार की योजनाओं और कार्यप्रणाली की जानकारी दी जा रही है। विदेशी प्रतिनिधियों को अध्ययन भ्रमण भी कराया गया।
युवा उद्यमी एनएसआईसी फरीदाबाद, सूरजकुंड, प्रगति मैदान पुस्तक मेले में भी पहुंचे तो देहरादून, ऋषिकेश व मसूरी की पर्यटन गतिविधियों में भी व्यवसाय की संभावनाओं का अध्ययन किया। युवाओं ने अक्षरधाम मंदिर, गुरुद्वारों, लोटस टेंपल आदि का दौरा कर भारत की सभ्यता-संस्कृति की जानकारी ली।
नई तकनीकों से युवा प्रभावित..
भूटान के केजान छोर्डेन का कहना है कि यहां आकर स्व उद्यम के नए-नए तरीकों के बारे में जानने को मिल रहा है। भारत की महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों से बहुत प्रभावित हूं। अफगानिस्तान के अहमद स्कैप लुदिन ने कहा कि उद्यम के नए ट्रेंड के बारे में जानने को मिल रहा है। यहां की सरकार भी युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन दे रही है।
क्षेत्रीय भाषाओं में क्लैट आयोजित करने की मांग संबंधी याचिका पर जवाब तलब..
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट- 2024) को सभी क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने की मांग संबंधी पर याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने याचिका पर जवाब देने के लिए अधिकारियों को चार सप्ताह का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी। वर्तमान में क्लैट केवल अंग्रेजी में आयोजित किया जाता है। याचिका में तर्क दिया गया है कि इससे गैर-अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के साथ घोर अन्याय होता है।