अक्तूबर से तीन लाख से ज्यादा कर्मियों को मिलेगा कैशलेस जांच व दवाइयों का लाभ..
उत्तराखंड: अक्टूबर से तीन लाख से अधिक राज्य कर्मचारी और सेवानिवृत्त लोग कैशलेस पैथोलॉजी जांच और दवाएं प्राप्त करने के लिए अपने गोल्डन कार्ड का उपयोग कर सकेंगे। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से जन औषधि केंद्रों के माध्यम से दवाओं के वितरण के लिए सरकार ने दोबारा से प्रस्ताव मांगा है।
आयुष्मान के तहत राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना गोल्डन कार्ड वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान करती है, लेकिन फिलहाल, भर्ती होने पर असीमित खर्च पर कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है। कर्मचारी और पेंशनभोगीकी मांग है कि कैशलेस इलाज के लिए प्रति माह वेतन व पेंशन से अंशदान की कटौती की जा रही है।
बता दे कि ओपीडी इलाज में सभी तरह की पैथोलॉजी जांच और दवाइयों को भी कैशलेस किया जाए। पूर्व में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने 31 मई को शासन को पैथोलॉजी जांच और दवाइयों को कैशलेस करने का प्रस्ताव भेजा था। साथ ही अगस्त माह से इस सुविधा लागू करने की तैयारी थी। इस बीच प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने पद से इस्तीफा दिया।
अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान से सीईओ का पद वापस लेने से प्रस्ताव भी लटक गया। अब शासन ने प्राधिकरण से दोबारा से प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है। अक्तूबर माह से कर्मियों और पेंशनरों को इसका लाभ मिल सकता है। पूर्व में जो प्रस्ताव बनाया गया था और उसमें कुछ संशोधन होना है। शासन स्तर पर दोबारा से प्रस्ताव मांगा गया है। जल्द ही पैथोलॉजी जांच और दवाइयों को कैशलेस किया जाएगा।
प्रदेश के कर्मचारी लंबे समय से पैथोलॉजी जांच व दवाइयों को भी कैशलेस करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सहमति बनने के बाद भी मामला शासन और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के बीच फंसा हुआ है, जिससे कर्मियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हमारी मांग है कि सरकार शीघ्र ही इस सुविधा को लागू करे।