चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड शासन ने जारी किया नया आदेश..
दर्शन के लिए पंजीकरण नहीं करा पाने से तीर्थयात्री निरस्त कर रहे यात्रा..
उत्तराखंड: नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उत्तराखंड शासन के धर्मस्व विभाग ने चारधाम यात्रा 2021 के लिए तीर्थ यात्रियों की संख्या निर्धारित की है। इसके संबंध में विभाग ने एसओपी जारी किया है। एसओपी के अनुसार श्री बद्रीनाथ धाम हेतु के लिए 1000, श्री केदारनाथ के लिए 800, श्री गंगोत्री के लिए 600 और श्री यमुनोत्री के लिए 400 तीर्थयात्री प्रतिदिन चारों धाम पहुंच सकते हैं।
शासन का कहना है कि 18 सितंबर से शुरू हुई चारधाम यात्रा में देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in में पंजीकृत तीर्थयात्रियों में से प्रतिदिन कम श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इसलिए अब यह संख्या निर्धारित की गई है। नए आदेश में कहा गया हैं कि जो पंजीकृत तीर्थयात्री निर्धारित तिथि को चारधाम यात्रा पर नहीं पहुंच रहे हैं उनके स्थान पर अन्य पंजीकृत तीर्थयात्री चारधाम में दर्शन को जा सकेंगे।
हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार, शासन की ओर से चारधाम यात्रा भले ही शुरू कर दी गई है। लेकिन सरकार शासन की ओर से चारधाम में तीर्थयात्रियों की संख्या निर्धारित किए जाने की वजह से न सिर्फ तीर्थयात्री बल्कि बस और टैक्सी संचालकों के सामने भी मुसीबत खड़ी हो गई है।
स्थिति यह है कि चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण नहीं होने से दूसरे राज्यों के तीर्थयात्री न सिर्फ ट्रेन बल्कि ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून से बुक कराई गई टैक्सी और बसों की बुकिंग भी निरस्त करवा रहे। तीर्थयात्रियों के इस कदम ने चारधाम यात्रा के लिए बस और टैक्सी संचालित करने वाले संचालकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय का कहना है कि सरकार और शासन की ओर से बद्रीनाथ धाम के लिए एक हजार, केदारनाथ धाम के लिए आठ सौ, गंगोत्री के लिए छह सौ और यमुनोत्री धाम के लिए चार सौ तीर्थयात्रियों की संख्या निर्धारित की गई है।
चारधाम में इतनी कम संख्या निर्धारित किए जाने की वजह से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री बस और टैक्सी की बुकिंग निरस्त करवा चुके हैं। तीर्थयात्रियों में तमाम ऐसे हैं जो ट्रेन से हरिद्वार, ऋषिकेश को पहुंच गए, लेकिन चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण नहीं करा पाने की वजह से उन्होंने बस और टैक्सी की बुकिंग भी निरस्त करा दी ।