ATM पेंशन से लेकर चेकबुक तक बदल गए ये बड़े नियम..
देश-विदेश: एक अक्तूबर 2021 यानी आज से भारत में रुपये- पैसे से जुड़े नौ बड़े बदलाव हो गए हैं। इन बदलावों का आपकी जिंदगी पर सीधा असर भी पड़ने वाला हैं। एक ओर जहां इन नए नियमों से आपको राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर अगर आपने कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा, तो आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।
इन नियमों में बदलाव से आपकी जेब प्रभावित होगी। इसका प्रभाव आपके घर के बजट पर भी पड़ेगा। इसलिए इनके बारे में जानना आपके लिए बेहद आवश्यक है । नए नियमों के लागू होते ही आपके वित्तीय और बैंकिंग से जुड़े काम के तरीके भी बदल जाएंगे। इन बदलावों में गैस सिलिंडर के दाम, पेंशन जारी रखने का नियम, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, कुछ बैंकों की चेकबुक, आदि शामिल हैं।
आज से तीन बैंकों- ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और इलाहाबाद बैंक के पुराने चेकबुक, मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकग्निशन (MICR) और इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड (IFSC) अमान्य हो गए हैं। इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय हो चुका है। यह 1 अप्रैल, 2020 से प्रभावी है। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में हुआ है। इन तीनों पूर्ववर्ती बैंकों के ग्राहकों को 30 अक्टूबर तक नए चेकबुक लेने को कहा गया है।
डीमैट खाता: डीमैट वे ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए निवेशक को अब नॉमिनेशन की जानकारी भी देनी होगी।
ऑटो डेबिट : ग्राहकों की मंजूरी जरूरी..
डेबिट और क्रेडिट कार्ड से होने वाले ऑटो डेबिट के लिए नया नियम लागू हो गया है। आरबीआई के आदेश के अनुसार बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं को डेबिट और क्रेडिट कार्ड या मोबाइल वॉलेट पर 5,000 से रुपये से ज्यादा के ऑटो डेबिट के लिए ग्राहकों से एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन की मांग करनी होगी।
इसके साथ ही डेबिट/क्रेडिट कार्ड या मोबाइल वॉलेट से होने वाले ऑटो डेबिट तब तक नहीं होंगे, जब तक ग्राहक अपनी मंजूरी न दे। मंजूरी के लिए बैंकों या वित्तीय संस्थाओं को 24 घंटे पहले ग्राहकों के पास ऑटो डेबिट का मैसेज भेजना होगा। ऑटो डेबिट अगर सीधा बैंक खाते से होता है तो नए नियम का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
बदले गैस सिलिंडर के दाम..
तेल कंपनियां हर महीने एलपीजी सिलिंडर के दामों की समीक्षा करती हैं। हर राज्य में टैक्स अलग-अलग होता है और इसके हिसाब से एलपीजी के दामों में अंतर होता है। देश की ऑइल मार्केटिंग कंपनियों ने 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल गैस सिलिंडर के दाम में 43.5 रुपये का इजाफा कर दिया है। वहीं 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी रसोई गैस सिलिंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
इतना हुआ 19 किलोग्राम वाले सिलिंडर का दाम..
दिल्ली में 19 किलो वाले कामर्शियल LPG सिलिंडर की कीमत 1693 रुपये से बढ़कर 1736.50 रुपये हो गई है। कोलकाता में इसका दाम 1805.5 रुपये हो गया है, मुंबई में 1685 रुपये और चेन्नई में 1867.5 रुपये।
पेंशन : जमा करने होंगे जीवन प्रमाण पत्र..
80 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के पेंशनभोगियों को डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा मिलेगी। इसके लिए 30 नवंबर, 2021 तक का समय दिया गया है। प्रमाण पत्र देश के संबंधित डाकघरों के जीवन प्रमाण केंद्रों में जमा करना होगा।
जीवन प्रमाण पत्र पेंशनभोगी के जिंदा होने का सबूत होता है। पेंशन जारी रखने के लिए इसे हर साल उस बैंक या वित्तीय संस्थान में जमा करना होता है, जहां पेंशन आती है।
बदल रहे हैं पोस्ट ऑफिस एटीएम के नियम..
पोस्ट ऑफिस ने एटीएम कार्ड पर कई तरह के शुल्क लगाए हैं, जो आज से लागू होंगे। एक महीने में एटीएम पर कितने वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन किए जा सकते हैं, इसमें भी बदलाव किया गया है। एक अक्तूबर, 2021 से एटीएम या डेबिट कार्ड का सालाना मेंटेनेंस चार्ज 125 रुपये होगा। इस पर जीएसटी भी लगेगा।
यह शुल्क 30 सितंबर, 2022 तक लागू रहेगा। साथ ही इंडिया पोस्ट अब अपने डेबिट कार्ड ग्राहकों को भेजे गए एसएमएस अलर्ट के लिए भी शुल्क वसूलेगा। एसएमएस अलर्ट भेजने के लिए सालाना जीएसटी सहित 12 रुपये चार्ज लिया जाएगा।
वहीं एटीएम कार्ड खो जाने पर दूसरा डेबिट कार्ड प्राप्त करने के लिए 300 रुपये के साथ जीएसटी का भुगतान करना होगा। इसी तरह एटीएम पिन गुम हो जाता है, तो डुप्लीकेट पिन प्राप्त करने पर 50 रुपये और जीएसटी शुल्क लिया जाएगा। यदि बचत खाते में राशि की कमी के कारण एटीएम या पीओएस ट्रांजेक्शन में गिरावट आती है, तो ग्राहक को 20 रुपये और जीएसटी का भुगतान करना होगा।
इतना ही नहीं, डाक विभाग ने एटीएम पर किए जा सकने वाले मुफ्त वित्तीय लेनदेन की संख्या को भी सीमित कर दिया है। इंडिया पोस्ट पांच मुफ्त लेनदेन के बाद प्रति लेनदेन 10 रुपये और जीएसटी वसूलेगा। वहीं अन्य एटीएम पर मेट्रो शहरों में तीन मुफ्त या गैर-मेट्रो शहरों में पांच मुफ्त लेनदेन के बाद 20 रुपये के साथ जीएसटी शुल्क लगेगा।
वेतन का 10 फीसदी निवेश जरूरी..
एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में काम करने वाले जूनियर कर्मचारियों को म्यूचुअल फंड की इकाई में अपने ग्रॉस वेतन का 10 फीसदी हिस्सा निवेश करना होगा। भारतीय विनिमय एवं प्रतिभूति बोर्ड (सेबी) का इस संबंध में नया नियम एक अक्तूबर, 2021 से लागू हो रहा है। अक्तूबर, 2023 से निवेश की मात्रा को 10 से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया जाएगा।