नगर पालिका चम्पावतमें एक अजीब कारनामा सामने आया है आयोग से करीब डेढ़ साल पूर्व एक कर्मचारी की तैनाती हुई लेकिन ईओ व पालिकाध्यक्ष ने आज तक कर्मचारी को कार्यभार नहीं सौंपा। जबकि उनके दायित्व को अस्थाई कर्मचारी से दिखवाया जा रहा है। यही नहीं पालिका से उन्होंने जब भी काम मांगा तो मना कर दिया गया। डेढ़ साल से पालिका उन्हें बगैर कार्य कराए वेतन दे रही है। वह प्रतिदिन कार्यालय आते हैं और हस्ताक्षर कर गपशप कर चले जाते हैं। यह कर्मचारी हैं प्रधान सहायक योगेश कुमार बालियान।
10 फरवरी 2020 को लोक सेवा आयोग से प्रधान सहायक पद पर तैनाती हुई। उनकी तैनाती के बाद से आज तक उन्हें चार्ज नहीं दिया गया। चार्ज न मिलने पर उन्होंने इसकी शिकायत पूर्व ईओ, पालिकाध्यक्ष, शहरी निदेशालय, सचिव से भी की लेकिन वहां से भी कोई हल नहीं निकला। उनका कार्य अस्थाई कर्मचारी से दिखवाया जा रहा है। लिपिक योगेश का आरोप है कि नए ईओ के आने के बाद पुन: कार्य मांगा तो पालिकाध्यक्ष ने कार्यभार नहीं दिया। इस पर डीएम चम्पावत से शिकायत की गई तो डीएम के आदेश पर निर्माण व स्टोर पटल चार्ज देने का आदेश तो हुआ लेकिन चार्ज हैंडओवर उसके बाद भी नहीं दिया गया। इन सबको करीब डेढ़ वर्ष से अधिक का समय बीत गया। वह प्रतिदिन कार्यालय आते हैं और हस्ताक्षर कर चले जाते हैं।
पूर्व ईओ करते थे डिजिटल हस्ताक्षर का प्रयोग
लिपिक योगेश ने बताया कि टेंडर कमेटी में नियमित कर्मचारी के डिजिटल हस्ताक्षर (डीएससी) लगते हैं। पूर्व ईओ ने मेरी डीएससी तो बनवाई लेकिन मुझे नहीं दी। वह मुझे बगैर बताए अपने आप मेरी डीएससी का प्रयोग करते थे। मुझे इसके बारे में पता भी नहीं चलने दिया। अब जब रिकॉर्ड देखा तो उसमें मेरी डीएससी लगी हुई थी। उन्होंने बताया कि जैम पोर्टल पर भी अस्थाई कर्मचारी की जैम आइडी बनाई गई है।
माली देख रहा स्टोर का कार्य
लिपिक योगेश ने बताया कि डीएम के आदेश के बाद मुझे निर्माण व स्टोर का चार्ज देने का आदेश हुआ लेकिन चार्ज नहीं मिला। वर्तमान में माली के पद पर वैकल्पिक तौर पर नियुक्त हुए कर्मचारी से स्टोर का कार्य दिखवाया जा रहा है। निर्माण कार्य देख रही कर्मचारी के मातृत्व अवकाश पर जाने के बाद भी चार्ज मुझे न देकर बड़े बाबू को दिया गया। जबकि मैं अभी भी बगैर कार्य किए वेतन ले रहा हूं।