शीतकाल के लिए बंद हुए विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट..
उत्तराखंड: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट आज मंगलवार को शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। कपाट बंदी के लिए गंगोत्री व यमुनोत्री धाम को फूलों सजाया गया है। मां गंगा के शीतकालीन पड़ाव मुखवा स्थित गंगा मंदिर को भी फूलों से सजाया गया है।अन्नकूट के पर्व पर गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 11 बजकर 45 बजे पर बंद किए गए। मंदिर के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की डोली जयकारों के साथ मुखबा के लिए रवाना हुई। वहीं कपाट बंद होने से अब श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखबा) में कर सकेंगे। जहां मां गंगा की रोजाना पूजा-अर्चना की जाएगी।
आपको बता दे कि 15 नवंबर को माँ गंगा की उत्सव डोली 6 महीने बाद अपने मायके मुखीमठ (मुखवा) पहुंचेगी। जहां पर ग्रामीण माँ गंगा का स्वागत एक बेटी की तरह करेंगे। वही केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को भैयादूज पर बंद होंगे।वहीं शीतकाल के लिए भगवान बद्री नारायण के कपाट बंद होने की प्रक्रिया मंगलवार यानी आज से शुरू होगी। बद्री-केदार मंदिर समिति के कार्याधिकारी आरसी तिवारी का कहना है कि केदारनाथ के कपाट बंद करने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। भगवान बद्री नारायण के कपाट बंद की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू होगी। 18 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।