उत्तराखंड के इस गांव में नहीं होती हनुमान जी की पूजा..
उत्तराखंड: हिंदू धर्म में संकटमोचक हनुमान को बहुत महत्वपूर्ण माना गया हैं। हनुमान जी के भक्त देश के कोने-कोने में मिलते हैं। देश के हजारों हनुमान मंदिरों में मंगलवार को भक्तों की भीड़ लगी रहती है। लोग मंगलवार का व्रत रखते हैं। हनुमान जी को चोला चढ़ाते हैं। लेकिन देवभूमि उत्तराखंड में ही एक गांव ऐसा है, जहां हनुमान जी की पूजा करना गुनाह की तरह माना जाता है।
कलयुग में सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले भगवान हनुमान की आराधना हर संकट से बचा लेती हैं। लेकिन उत्तराखंड के चामोली में स्थित दूनागिरि गांव के लोगों की भगवान हनुमान से ऐसी नाराजगी है कि यहां हनुमान जी की पूजा करना किसी अपराध की तरह माना जाता है। यहां तक कि इस गांव में हनुमान जी का एक भी मंदिर तक नहीं है। ना ही इस गांव के लोग बाहर के किसी हनुमान मंदिर में जाते हैं।
ये है नाराजगी की वजह..
कहा जाता है कि जब सीताहरण के बाद रावण की सेना से युद्ध हो रहा था तब लक्ष्मण जी मेघनाथ के बाण से मूर्छित हो गए थे। तब उनके इलाज के लिए पवनपुत्र हनुमान संजीवनी बूटी खोजने यहां आए थे। तब इसी गांव की महिला ने उन्हें पर्वत का वह हिस्सा दिखाया था जहां संजीवनी बूटी उगती थी। लेकिन तब भी हनुमान जी संजीवनी बूटी पहचान नहीं पाए तो वे पूरा पर्वत ही उखाड़ कर अपने साथ ले गए। तब से यहां के लोग भगवान हनुमान से नाराज हैं और उनकी कभी भी पूजा नहीं करते हैं। आज भी इस गांव में हनुमान जी की पूजा न करने की परंपरा जारी है।