जीनोम सिक्वेंसिंग में मिला कोरोना वायरस का नया वेरिएंट..
दून मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट में यह हुआ खुलासा..
उत्तराखंड : उत्तराखंडमें बढ़ रहे कोरोना के केस के बीच लोगों के लिए राहत की खबर है। पिछले तीन महीनों में दून मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में 450 सैंपलों की जांच की गई। इनमें से कोरोना का नए वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि किसी भी सैंपल में नए एक्सई वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है।
ओमीक्रोन एवं उसके दूसरे वेरिएंट ही मिले हैं, जिसकी विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। केंद्र सरकार ने जीनोम सिक्वेंसिंग पर जोर दिया है। दून मेडिकल कॉलेज की वॉयरोलॉजी लैब के प्रभारी डॉ. शेखर पाल के मुताबिक, संक्रमितों के पांच फीसदी सैंपलों की ही जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है।
आईसीयू में भर्ती संक्रमित मरीज या विदेश से लौटे लोगों के सैंपलों पर भी फोकस किया जाता है। हर सप्ताह 40 से 50 सैंपलों की जांच की जा रही है। इंसाकोक एवं स्टेट आईडीएसपी को तत्काल एक्सल शीट से रिपोर्ट भेज दी जाती है। आईबीडीसी पोर्टल पर डाटा चढ़ाया जा रहा है। कर्मचारियों की कमी के कारण कुछ दिक्कत है। पर, आईएचआईपी पोर्टल पर डाटा अपलोड किया जा रहा है। कुछ ही सैंपलों का डाटा बचा है।
कर्मचारियों की कमी से दिक्कत..
वायरोलॉजी लैब में कर्मचारियों की कमी से दिक्कत आ रही है, जिसके चलते आईएचआईपी पोर्टल पर सिक्वेंसिंग का डाटा अपलोड नहीं हो पा रहा है और जिलों के अफसर रिजल्ट नहीं देख पाते। उन्हें संबंधित अस्पताल या लोगों को जवाब देने में दिक्कत आती है। कोरोनाकाल में रखे गए एक इन्वेस्टिगेटर एवं चार तकनीशियनों को हटाए जाने से दिक्कत है। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राजीव दीक्षित ने पहल करते हुए चार कर्मचारियों को मेडिकल कॉलेज भेजा है, जिन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। उनसे लंबित कार्य निपटाया जाएगा।