मातृ वंदना योजना: अब दो किस्तों में मिलेंगे पांच हजार रुपये, पिता के आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त..
उत्तराखंड: सरकार ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) 2.0 लागू कर दी है। नए नियमों के तहत अब तीन किस्तों में मिलने वाले पांच हजार दो किस्तों में मिलेंगे। इसके अलावा योजना का लाभ पाने के लिए पिता के आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। दूसरा बच्चा लड़की होने पर योजना की पूरी धनराशि मिलेगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन का कहना हैं कि योजना का लाभ लेने के लिए समय सीमा में भी बदलाव किया गया है। अब बच्चा पैदा होने के 270 दिन तक लाभार्थी पंजीकरण कर सकेंगे। इस संबंध में केंद्रीय (भारत सरकार) अपर सचिव ललित ग्रोवर की ओर से जारी निर्देश जारी किए गए हैं। योजना के नोडल अधिकारी डा. आरके सिरोहा ने कहा कि योजना को पूरी तरह डिजिटल कर दिया गया है। इसमें फार्म भरने की जरूरत नहीं है, आशा कार्यकर्ता और एएनएम पोर्टल पर सीधे लाभार्थी का ब्योरा भर सकेंगी।
ऐसे मिलेगी योजना में धनराशि..
पहले प्रथम किस्त के रूप में 1000 रुपये, दूसरी किस्त के रूप में (गर्भावस्था के छह माह बाद) 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते थे। अब प्रथम किस्त (तीन हजार रुपये) प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर और दूसरी किस्त (दो हजार रुपये) बच्चे के जन्म का पंजीकरण, बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर मिलेगी।
81311 फार्म पंजीकृत..
योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक रिचा श्रीवास्तव ने बताया केंद्र सरकार की ओर से मिले लक्ष्य के सापेक्ष अब तक (एक जनवरी 2017 से) 81311 फार्म पंजीकृत किए जा चुके हैं। अब तक 34.13 करोड़ रुपये का भुगतान लाभार्थियों को किया जा चुका है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) एक जनवरी 2017 से लागू है। योजना का उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। धनराशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है।