सरकार ने नियुक्ति संबंधी नियमों में किया अहम बदलाव..
नए CDS की चयन प्रक्रिया..
देश-दुनिया : देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत की मौत के बाद से करीब छह महीने से रिक्त पड़े इस पद पर नियुक्ति की तैयारी अब तेज हो गई है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति से संबंधित तीनों सैन्य बलों के नियमों में बदलाव किया है, जिसके तहत तीनों सेनाओं में 62 वर्ष से कम आयु के लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल स्तर के सेवारत या सेवानिवृत अधिकारी को सीडीएस नियुक्त किया जा सकता है।
सरकार ने सीडीएस चुनने का दयारा व्यापक करते हुए अब सेवारत या रिटायर हो चुके वाइस एडमिरल और एयर मार्शन को भी सलेक्शन पूल में शामिल कर लिया है। नए नियम से रिटायर्ड हो चुके आर्मी चीफ, नेवी चीफ और एयर चीफ सीडीएस बनने की रेस से करीब-करीब बाहर हो जाएंगे क्योंकि अब यह शर्त जोड़ दी गई है कि नियुक्ति के समय 62 साल से कम आयु होनी चाहिए। तीनों सेवा प्रमुखों का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन अगर वे उससे पहले ही 62 वर्ष के हो जाएं तो उन्हें सेवानिवृत होना पड़ता है।
सरकार ने सेवारत और रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस एडमिरल को सीडीएस को भी रेस में शामिल करने के लिए तीनों सैन्य बलों के कानून में बदलाव के लिए अलग-अलग अधिसूचना जारी की। एयरफोर्स एक्ट 1950 में संशोधन की अधिसूचना में कहा गया है कि लोकहित के लिए जरूरी होने पर केंद्र सरकार सेवारत एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल या फिर इन पदों से रिटायर हुए पर नियुक्ति के समय 62 साल के न हुए अधिकारी को सीडीएस नियुक्त कर सकती है। इसमें आगे कहा गया है कि नियुक्त किए जाने वाले अधिकारी अधिकतम 65 वर्ष की उम्र तक अपने पद पर बने रहे सकते हैं। ऐसी ही अधिसूचनाएं आर्मी एक्ट 1950 और नेवी एक्ट 1957 में बदलाव के लिए भी जारी की गई हैं।
भारत के पहले सीडीएस थे बिपिन रावत..
जनरल बिपिन रावत भारत के पहले सीडीएस थे। पिछले साल 8 दिसंबर को कुनूर के नजदीक हेलिकॉप्टर क्रैश में उन्होंने अपनी जान गंवा दी। जनरल रावत की मौत को भारतीय सशत्र सेना में हो रहे अहम सुधारों के लिए एक बड़ा झटका माना जाता है। उनकी मौत के बाद से नए सीडीएस की नियुक्ति नहीं हो पाई है। वहीं रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ की नियुक्ति में तेजी आएगी।