बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने को लेकर सरकार का बड़ा फैसला..
ताकि कुपोषण से सुरक्षित रहे ‘देश का भविष्य’..
देश-दुनिया : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एलान किया है कि अनुपूरक पोषण आहार के लिए बच्चों का आधार अब अनिवार्य नहीं है। अनुपूरक पोषण आहार के लिए बच्चों का आधार अब अनिवार्य नहीं है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस बात को सुनिश्चित कर रहा है कि बच्चों तक पोषण आहार पहुंचाने के लिए माता और पिता के आधार कार्ड डिटेल्स को पोषण ट्रैकर में दर्ज किया जाए। एएनआई ने इसको लेकर अपने एक ट्वीट में जानकारी दी है।
अनुपूरक पोषण आहार 6 या उससे कम उम्र के बच्चों को दिया जाता है। भारत सरकार गरीब बच्चों के स्वास्थ्य विकास को लेकर ये कार्यक्रम चला रही है। इसके तहत देशभर में आंगनवाड़ियों के माध्यम से गरीब बच्चों तक ये पोषण आहार वितरित किए जा रहे हैं।
देश में अभी भी ऐसे बच्चों की संख्या काफी ज्यादा है, जिन्हें प्रारंभिक अवस्था में पोषण आहार नहीं मिल पाता है। इसका सीधा असर उनके शारीरिक विकास पर पड़ता है। इस कारण बच्चों को कूपोषण जैसी कई तरह की शारीरिक समस्याएं प्रारंभिक अवस्था में ही परेशान करने लगती हैं।
भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन प्रोग्राम देश की इसी समस्या को दूर करने का काम कर रहा है। सरकार आंगनवाड़ी नेटवर्क के माध्यम से देश के सीमांत इलाकों में रह रहे गरीब बच्चों तक पोषण आहार को पहुंचा रही है।