14 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है हिन्दी दिवस..
देश- दुनियाभर में कई भाषायें बोली जाती हैं जिसमें सबसे ज्यादा बोली जाने वाली अंग्रेजी है दूसरे स्थान पर चीन में बोली जाने वाली मैंड्रेन भाषा है। हिंदी भाषा पूरे विश्व में बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे नम्बर पर है। दुनियाभर में हिंदी तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भाषा भावनाओं को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है हिंदी दुनियाभर की उन भाषाओं में शामिल है जो सबसे ज्यादा बोली जाती हैं।
हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा या राजभाषा
आजादी के बाद भारतीय संविधान बनने की तैयारी शुरू हुई बाबा साहब अंबेडकर की अध्यक्षता में तमाम कानूनों पर चर्चा हुई और उन्हें बनाया गया इसी तरह भाषा संबंधी कानून बनाने को लेकर भी एक कमेटी बनाई गई इसकी जिम्मेदारी दो बड़े भाषाई विद्वानों को दी गई पहले कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी और दूसरे तमिल भाषी नरसिम्हा गोपालस्वामी आयंगर हिंदी को लेकर करीब तीन साल तक बहस चलती रही इस दौरान तमाम जानकारों और विद्वानों ने अपने पक्ष रखे। लंबी बहस और चर्चा के बाद आखिरकार मुंशी.आयंगर फॉर्मूले वाले समझौते पर मुहर लगी इसके बाद 14 सितंबर 1949 को एक कानून बनाया गया जिसमें हिंदी को राष्ट्रभाषा नहीं बल्कि राजभाषा का दर्जा दिया गया।
अनुच्छेद 351 और 343 में इसे परिभाषित किया गया इसमें कहा गया कि संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी। इसके बाद से ही 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की सरकार बनने पर 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया और पहला आधिकारिक हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था।