राज्य सरकार ने उत्तराखंड में हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए एक सख्त कदम उठाते हुए 03 माह तक के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) लागू कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अनुमोदन के बाद सोमवार को अपर सचिव (गृह) रिधिम अग्रवाल ने यह आदेश किए हैं। सरकार का मानना है कि पिछले दिनों राज्य के कुछ जिलों में हिंसक घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं के प्रतिक्रिया स्वरूप राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी घटनाएं होने की आशंका है। कुछ समाज विरोधी तत्व राज्य की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही कुछ तत्व राज्य की सेवाओं को बनाए रखने में बाधा डालने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में लोक व्यवस्था बनाए रखने और लोगों के हित के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से पूरे राज्य में रासुका लगाई जाती है।
क्या है रासुका : राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980, देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित एक कानून है। यह कानून केंद्र और राज्य सरकार को किसी भी संदिग्ध नागरिक को हिरासत में लेने की शक्ति देता है। अगर सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति उन्हें देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कार्यों को करने से रोक रहा है तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है। यदि सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में उसके सामने बाधा खड़ी कर रहा है को वह उसे हिरासत में लेने का आदेश दे सकती है। लखीमपुर कांड के बाद उत्तराखंड में सरकार अलर्ट हो गई है चुनाव से पहले ऐसी कोई घटना ना हो इसको लेकर सरकार ने आज बड़ा फैसला लिया है।