हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने का सांसद रमेश पोखरियाल ने लिया संकल्प..
उत्तराखंड: विश्व हिंदी दिवस से ठीक एक दिन पहले हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने ऐलान किया है कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए गंगा के तट हरिद्वार से संकल्प लिया जाएगा। जिसमें हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा और संयुक्त राष्ट्र की भाषा का दर्जा दिलाने की मांग की जाएगी। रमेश पोखरियाल का कहना हैं कि विश्व हिंदी दिवस यानी की 10 जनवरी से संकल्प अभियान की शुरूआत की जाएगी। निशंक ने कहा राष्ट्रीय भाषा जो पहचान होती है वह हम आज भी सुनिश्चित नही कर पाए। पीएम मोदी जब भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर जाते हैं और हिंदी में भाषण देते हैं तो सब समझ जाते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री हैं।
आपको बता दे कि हिंदी भाषा दुनिया के 250 विश्विद्यालय और 600 महाविद्यालय में पढ़ाई जा रही है। पूरा विश्व हिंदी को स्वीकार कर रहा है। लेकिन आज भी हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा का दर्जा नहीं मिला है। संविधान के 343 से 350 तक के अनुच्छेद में 10 वर्ष के अंदर-अंदर दक्षिण के राज्य सशक्त नही हैं। उन्हें सशक्त करने के बाद हिंदी को राष्ट्रीय भाषा घोषित किया जाए। हिंदी भाषा को लेकर संविधान का भी उल्लंघन हुआ है। ये गुलामी का पहला उदाहरण है कि हम गुलामी के चिन्ह को ढो रहे हैं। हमने देश की आजादी को हिंदी के प्रयोग पर लड़े। जितने गाने और नारे बने वह हिंदी में ही बने। इजरायली हमारे बाद आजाद हुआ लेकिन उन्होंने अपनी भाषा को चुना।
बता दे कि गांधी जी ने कहा था कि हिंदी नही तो देश नहीं। देश को एकजुट करना है तो हिंदी भाषा का अपनाना होगा। 1975 से विश्व हिंदी सम्मेलन हो रहे हैं। 12 सम्मेलन अब तक हो चुके हैं। मॉरीशस में हिंदी का पहला सबसे बड़ा सचिवालय है। हिंदी के अखबार और हिंदी चैनल को देखने वाले सबसे ज्यादा हैं। बावजूद इसके हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिला है। महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के सांसद हिंदी में बोलते हैं। नई शिक्षा नीति में मातृ भाषा को शामिल किया गया है। आज हिंदी को बोलने वाले विश्व में 200 करोड़ लोग हैं। विश्व हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी के साहित्यकार देश-विदेश से हरिद्वार में आ रहे हैं। जिसमें दिव्य माथुर (ब्रिटेन), सैलजा सक्सेना (कनाडा), राम शर्मा (जापान), अभिषेक त्रिपाठी (आयरलैंड) शामिल हैं। हरिद्वार से संकल्प की शुरुआत की जाएगी।