कुंभ 2027- पुलों की सुरक्षा जांच और सर्कुलेशन प्लान तैयार करने के मुख्य सचिव के निर्देश..
उत्तराखंड: वर्ष 2027 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियों को लेकर राज्य सरकार ने तेजी पकड़ ली है। बुधवार को सचिवालय में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में कुंभ मेला से संबंधित उच्च अधिकार प्राप्त समिति एवं व्यय वित्त समिति की बैठकें संपन्न हुईं। बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घाटों के निर्माण में गुणवत्ता के साथ-साथ हरियाली का भी विशेष ध्यान रखा जाए। जहाँ भी संभव हो, हरियाली के प्रावधान सुनिश्चित किए जाएं ताकि कुंभ मेले के दौरान वातावरण स्वच्छ और संतुलित रहे। मुख्य सचिव ने मेलाधिकारी को अगस्त माह के अंत तक कुंभ 2027 की विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्य, जो हर हाल में किए जाने हैं, उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा जाए। इसके साथ ही स्थायी एवं अस्थायी दोनों प्रकार के कार्यों की एक व्यापक सूची तैयार कर कार्ययोजना शीघ्र प्रस्तुत करने को कहा गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कुंभ जैसे वैश्विक आयोजन में प्रत्येक विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण है और समन्वय के साथ योजनाएं लागू करना अनिवार्य है।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने अधिकारियों को कुंभ क्षेत्र के सभी पुलों की सुरक्षा जांच तत्काल कराए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए हर पुल की संरचनात्मक मजबूती की समय रहते जांच जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे कुंभ क्षेत्र का एक समग्र सर्क्यूलेशन प्लान तैयार किया जाए, जिससे विशेष पर्वों के दौरान भीड़ को सुचारु रूप से नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि भीड़ प्रबंधन के लिए प्रत्येक प्रवेश और निकासी बिंदु पर पृथक योजना बनाई जाए और विशेष पर्वों के दौरान श्रद्धालुओं की अधिकतम अनुमानित संख्या के अनुरूप व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को आगाह किया कि कुंभ जैसे आयोजन में कोई भी चूक न हो और सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करते हुए समयबद्ध प्रगति सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव कहा कि कुंभ क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्रों के रेलवे स्टेशनों की क्षमता विकास और सौंदर्यीकरण हेतु रेल मंत्रालय से संवाद किया जाए। मेला क्षेत्र में अत्यधिक भीड़ के दौरान रेलवे स्टेशनों में होल्डिंग एरिया तैयार किया जाए। मुख्य सचिव ने कुम्भ क्षेत्र में नए पार्किंग एरिया चिन्हित कर अभी से तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कुम्भ के दौरान प्राइवेट भूमि पर पार्किंग स्थल किराए पर लिए जाने हेतु भी अभी से तैयारियां करते हुए भूमि के मालिकों से भी अभी से बातचीत कर ली जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि घाटों के पास सीढ़ियों को मानक के अनुरूप रखा जाए ताकि श्रद्धालुओं को सीढ़ियाँ चढ़ने उतरने में परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्होंने घाटों के पास चेंजिंग रूम और बैठने के लिए बेंच आदि का प्रावधान भी रखा जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने घाटों के निर्माण को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किए जाने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि नहरों के बंदीकरण के दौरान सभी कार्य समय से पूर्ण किए जा सकें।
व्यय वित्त समिति में निम्न प्रस्तावों को संस्तुति प्रदान की गई
व्यय वित्त समिति में लोक निर्माण विभाग एवं सिंचाई विभाग के कार्यों को संस्तुति प्रदान की गयी, जिसमें जनपद हरिद्वार में बहादराबाद सिडकुल चार लेन मार्ग (भाईचारा ढाबा) से बीएचईएल बैरियर नं0-6 होते हुए शिवालिक नगर चौक (बीएचईएल मध्य मार्ग) तक मार्ग का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़िकरण का कार्य, दिल्ली-हरिद्वार-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग सं0 334 पर पतंजलि योगपीठ से सहदेवपुर, दिनारपुर, सुभाषगढ होते हुए पुरकाजी-लक्सर-ज्वालापुर राष्ट्रीय राजमार्ग सं0 334ए पर फेरूपुर तक मार्ग का 1.50 लेन में चौडीकरण एवं सुदृढीकरण का कार्य सहित सिंचाई विभाग के कुल 02 कार्य जिसमें ऊपरी गंगा नहर के बाएँ किनारे पर अमरापुर घाट से ऋषिकुल पुल तक 600 मीटर घाट का निर्माण एवं ऋषिकुल पुल से साक्षी सतनाम घाट तक अपर गंग नहर के बांयें पार्श्व पर घाट निर्माण कार्य शामिल है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव श्री शैलेश बगौली, श्री नितेश कुमार झा, आईजी डॉ. नीलेश आनन्द भरणे, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. वी षणमुगम, आयुक्त गढ़वाल श्री विनय कुमार पाण्डेय एवं मेलाधिकारी श्रीमती सोनिका सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।