गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा परिवहन निगम, सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द..
उत्तराखंड: परिवहन निगम इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि निगम प्रबंधन को मजबूरन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द करनी पड़ी हैं। निगम का कहना है कि जब तक सभी मिलकर काम नहीं करेंगे, तब तक वेतन देने जैसे हालात नहीं बन पाएंगे।निगम के महाप्रबंधक (संचालन) क्रांति सिंह ने मंगलवार को सभी मंडलीय प्रबंधकों और अधिकारियों को इस संबंध में पत्र जारी किया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में भारी बारिश, आपदाओं और मार्ग अवरुद्ध रहने की वजह से बस संचालन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है, जिससे निगम की आय में भारी कमी आई। परिवहन निगम पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रहा था, लेकिन अब स्थिति और भी गंभीर हो गई है। यात्रियों की संख्या कम होने और नियमित संचालन बाधित होने से निगम की राजस्व आय घट गई है। इसी कारण वेतन और अन्य वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में दिक्कतें आ रही हैं। महाप्रबंधक ने साफ कहा कि अब स्थिति को सामान्य बनाने के लिए सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को मिलकर काम करना होगा। यदि संचालन को गति नहीं दी गई तो निगम की वित्तीय हालत और ज्यादा बिगड़ सकती है। निगम प्रबंधन का मानना है कि त्योहारों के सीजन में बस संचालन बेहतर होने पर आय में सुधार हो सकता है। इसके लिए पूरी टीम को एकजुट होकर काम करने और यात्रियों को बेहतर सेवाएं देने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
उत्तराखंड परिवहन निगम की वित्तीय स्थिति बेहद खराब हो गई है। हालत यह है कि कर्मचारियों को समय पर वेतन तक नहीं मिल पा रहा है। इतना ही नहीं, मार्च से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को देयकों का भुगतान भी अटका हुआ है। निगम प्रबंधन का कहना है कि अगर सभी अधिकारी और कर्मचारी मिलकर काम करेंगे, तभी स्थिति सामान्य हो पाएगी। इसी कारण अब निगम ने बड़ा निर्णय लेते हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। निगम के महाप्रबंधक (संचालन) क्रांति सिंह के अनुसार पिछले महीनों में अधिक बारिश, मार्ग बंद होने और आपदा जैसी परिस्थितियों की वजह से बस संचालन प्रभावित रहा। इससे निगम की आय में लगातार गिरावट आई और वित्तीय संकट गहरा गया। अब त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है। आने वाले दिनों में दशहरा और दिवाली के दौरान रोडवेज बस स्टेशनों और मार्गों पर यात्रियों की भारी भीड़ रहने की संभावना है। निगम प्रबंधन का मानना है कि इस दौरान बस संचालन बढ़ेगा और आय में सुधार होगा। निगम ने साफ कर दिया है कि अपरिहार्य कारणों को छोड़कर किसी भी अधिकारी, उपाधिकारी या कर्मचारी का अवकाश स्वीकृत नहीं होगा। प्रबंधन ने कर्मचारियों से अपील की है कि वे इस समय पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी से काम करें, ताकि निगम की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाया जा सके। निगम में कार्यरत कर्मचारियों के लिए स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण हो गई है। समय पर वेतन न मिलने और देयक अटके रहने से उनका आर्थिक बोझ बढ़ गया है। वहीं प्रबंधन को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में बेहतर संचालन से हालात सुधर सकते हैं।