देशभर में लागू होगा उत्तराखंड का डिजिटल लेबर सेस सिस्टम, केंद्र सरकार की टीम ने किया अवलोकन..
उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार की एक और पहल अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ने जा रही है। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (BOCW) द्वारा विकसित लेबर सेस एवं निर्माण प्रबंधन सिस्टम (LCCMS) जल्द ही देश के सभी राज्यों में लागू किया जाएगा। इस सिस्टम के अध्ययन के लिए सोमवार को केंद्र सरकार की दो सदस्यीय विशेषज्ञ टीम देहरादून स्थित कर्मकार बोर्ड पहुंची और इसकी कार्यप्रणाली का विस्तार से निरीक्षण किया। कर्मकार बोर्ड में वर्ष 2005 में लेबर सेस जमा कराने के लिए एक्ट लागू किया गया था, लेकिन तब से अब तक यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑफलाइन थी। लोग अपनी सुविधा अनुसार मैन्युअली लेबर सेस जमा कराते थे, जिससे पारदर्शिता और निगरानी में कई दिक्कतें आती थीं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर बोर्ड ने आईटी तकनीक का उपयोग करते हुए एलसीसीएमएस तैयार किया, जिससे अब लेबर सेस की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी हो गई है। हाल ही में श्रमायुक्त पी.सी. दुमका ने इस सिस्टम का प्रस्तुतिकरण केंद्र सरकार के समक्ष किया था, जहां केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने इसकी सराहना करते हुए इसे एक मॉडल प्रोजेक्ट बताया। अब केंद्र सरकार की मंशा है कि उत्तराखंड के इस डिजिटल मॉडल को अन्य राज्यों में भी लागू किया जाए, ताकि देशभर में श्रमिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं का बेहतर और पारदर्शी संचालन संभव हो सके। बोर्ड अधिकारियों के अनुसार एलसीसीएमएस के माध्यम से अब ठेकेदार, निर्माण एजेंसियां और विभाग ऑनलाइन पंजीकरण कर सकेंगे, सेस जमा कर पाएंगे और सभी निर्माण परियोजनाओं का डेटा रियल टाइम में देखा जा सकेगा। यह सिस्टम न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि श्रमिक कल्याण योजनाओं के लिए मिलने वाले फंड के उपयोग को भी अधिक प्रभावी बनाएगा। सोमवार को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के उप सचिव नवीन कुमार निदेशक एनआईसी की दो सदस्यीय टीम कर्मकार बोर्ड के कार्यालय पहुंची। टीम इस मॉडल का गहनता से अध्ययन करेगी। इसके सभी तकनीकी व प्रायोगिक पहलुओं की समीक्षा भी करेगी। श्रमायुक्त दुमका ने बताया कि इसके बाद केंद्र सरकार इसे सभी राज्यों के लिए लागू करेगी।