हल्द्वानी और नैनीताल में जल्द शुरू होगी CGHS सुविधा..
उत्तराखंड: पूर्व केंद्रीय शस्त्र बल कार्मिक संगठन के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार कुमाऊं के अर्द्धसैनिक बल कर्मियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। संगठन के 16 वर्षों के प्रयास रंग लाए हैं। अब कुमाऊं मंडल के करीब 50 हजार अर्द्धसैनिक बलों और उनके परिजनों को हल्द्वानी और नैनीताल में केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) का लाभ मिलेगा। जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने देशभर में 22 नए सीजीएचएस केंद्र खोलने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए डॉक्टर और स्टाफ नर्सों के 286 पदों का सृजन भी किया गया है। इससे न केवल अर्द्धसैनिक बलों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी बल्कि आम नागरिकों को भी अप्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा। अर्द्धसैनिक बल कर्मियों का लंबे समय से यह मांग रही है कि उन्हें भी सीजीएचएस जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। अब तक यह सुविधा मुख्य रूप से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों तक ही सीमित थी। लेकिन अब कुमाऊं क्षेत्र के अर्द्धसैनिक बलों को भी इस योजना का लाभ मिलने से बड़ी राहत मिलेगी।
कुमाऊं के अर्द्धसैनिक बल कर्मियों और उनके परिजनों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब तक सीजीएचएस (केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना) की सुविधा से वंचित रहे कुमाऊं मंडल के 50 हजार से अधिक अर्द्धसैनिक बल के जवान और उनके परिवार जल्द ही इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। हल्द्वानी और नैनीताल में नए सीजीएचएस केंद्र खोलने की प्रक्रिया तेज हो गई है। पूर्व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कार्मिक संगठन लंबे समय से इस सुविधा की मांग करता आ रहा था। संगठन के प्रयासों को तब गति मिली जब नैनीताल के अर्द्धसैनिक बल के जिलाध्यक्ष एवं डिप्टी कमांडेंट (सेनि.) दरवान सिंह बोहरा ने 20 अगस्त को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, निर्माण भवन के संयुक्त सचिव डॉ. मनस्वी कुमार को स्पीड पोस्ट के जरिए पत्र भेजा।
27 अगस्त को डॉ. मनस्वी ने जवाब में जानकारी दी कि हल्द्वानी और नैनीताल में जल्द ही सीजीएचएस सुविधा शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक टीम भवन निर्माण का निरीक्षण कर चुकी है। साथ ही पूरे देश में 22 नए सीजीएचएस केंद्र खोले जाने के लिए 286 पदों का सृजन किया गया है, जिनमें डॉक्टर और स्टाफ नर्स शामिल हैं। इस फैसले के बाद अर्द्धसैनिक बल कर्मियों और उनके परिजनों को इलाज के लिए अब बाहर भटकना नहीं पड़ेगा। सीजीएचएस के माध्यम से उन्हें कैशलेस इलाज, पैनल अस्पतालों में सुविधा, सस्ती दवाइयाँ और विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं मिल सकेंगी। पूर्व केंद्रीय शस्त्र बल कार्मिक संगठन का कहना है कि यह कदम न केवल अर्द्धसैनिक बलों के लिए राहतकारी है बल्कि यह उनके परिवारों की स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल भी है।
चार डाॅक्टर के साथ होगा 13 लोगों का स्टाफ..
पत्र के अनुसार सीजीएचएस अस्पताल में चार डाॅक्टर के साथ 13 लोगों का स्टाफ होगा। यहां हर प्रकार के उपचार की सुविधा होगी। गंभीर रोगी होने पर कार्ड धारक सेवारत व सेवानिवृत्त जवानों को सीजीएचएस से संबद्ध अस्पतालों में रेफर किया जाएगा। कार्ड के आधार पर नि:शुल्क उपचार मिलेगा। सीजीएचएस एक स्वास्थ्य बीमा योजना है जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों को चिकित्सा लाभ प्रदान करती है। इसमें ओपीडी और इनडोर उपचार, विशेषज्ञ परामर्श, दवाओं की प्रतिपूर्ति, कैशलेस उपचार की सुविधा और परिवार कल्याण सेवाएं शामिल हैं। यह योजना सरकारी और सीजीएचएस-पैनलबद्ध अस्पतालों और डायग्नोस्टिक केंद्रों में मिलेगी। जिसके लिए लाभार्थी को एक सीजीएचएस कार्ड की आवश्यकता होती है।
इतने में बनेगा सीजीएचएस कार्ड..
सिपाही व हवलदार रैंक का स्वास्थ्य कार्ड 30 हजार में बनेगा।
सब इंस्पेक्टर रैंक का स्वास्थ्य कार्ड 54 हजार।
इंस्पेक्टर से डिप्टी कमांडेंट रैक का स्वास्थ्य कार्ड 78 हजार।
डिप्टी कमांडेंट से ऊपर रैंक के अधिकारियों का स्वास्थ्य कार्ड 1.20 लाख।
कुमाऊं में 50 हजार से अधिक सेवारत व सेवानिवृत्त अर्द्धसैनिक बल के जवान हैं। सीजीएचएस सुविधा का लाभ हल्द्वानी में दिए जाने की मांग को लेकर 16 वर्षों से प्रयास किया जा रहा था। यह मांग अब पूरी होने वाली है। इसका लाभ पूरे कुमाऊं के जवानों को मिलेगा। इसके बाद प्रयास दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में भी सीजीएचएस का लाभ दिलाने का होगा। पूर्व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कार्मिक संगठन का कहना है कि यह एक ऐतिहासिक पहल है, क्योंकि अब जवानों और उनके परिजनों को इलाज के लिए अन्य शहरों या राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा। योजना के तहत उन्हें कैशलेस इलाज, दवाइयों की सुविधा और विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएँ उपलब्ध होंगी।