शिक्षकों के तबादलों को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग की सुस्ती, अधिकांश जिलों में तैयार नहीं सूची..
उत्तराखंड: शिक्षा विभाग ने स्थानांतरण सत्र की प्रक्रिया शुरू करते हुए अधिकारियों की पात्रता सूची जारी कर दी है। जारी सूची में एक उपनिदेशक और 15 खंड शिक्षा अधिकारियों के नाम शामिल हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार जैसे ही इन पदों के लिए तबादला प्रस्ताव प्राप्त होंगे, उन्हें शासन को भेजा जाएगा। इस बीच शिक्षकों और कर्मचारियों के तबादलों को लेकर भी प्रदेशभर में तैयारी चल रही है, लेकिन शिक्षकों की पात्रता सूची अभी तक विभाग द्वारा जारी नहीं की गई है। इससे संबंधित शिक्षक वर्ग में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। तबादला नीति के तहत हर वर्ष तय प्रक्रिया के अंतर्गत स्थानांतरण किए जाते हैं, लेकिन इस बार शिक्षकों की सूची में देरी से प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार जल्द ही शिक्षकों की सूची को भी अंतिम रूप दिया जाएगा।
हालांकि अधिकारियों की सूची जारी कर दी गई है। बताया गया है कि विभाग में सभी संयुक्त निदेशक और अपर निदेशकों की उम्र 55 साल से अधिक होने के कारण वे तबादलों की जद में नहीं हैं। जबकि खंड शिक्षा अधिकारियों में 13 अधिकारी दुर्गम क्षेत्र से सुगम क्षेत्र में तबादलों के लिए पात्र हैं। वहीं सुगम क्षेत्र से दुर्गम के लिए दो बीईओ पात्र हैं। उपनिदेशक पद पर एक अधिकारी सुगम से दुर्गम के लिए पात्रता सूची में शामिल है। इसके अलावा उप शिक्षा अधिकारियों में कोई भी अधिकारी तबादलों के लिए पात्र नहीं है। बताया गया है कि अधिकतर अधिकारी नई नियुक्ति के होने की वजह से पात्रता सूची में नहीं हैं।
न खाली पद बताए न पात्रता सूची हुई जारी
उत्तराखंड में शिक्षकों के तबादलों को लेकर जहां माध्यमिक स्तर पर प्रक्रिया धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है, वहीं बेसिक शिक्षा विभाग में तैयारियों का अभाव साफ नजर आ रहा है। रुद्रप्रयाग को छोड़कर प्रदेश के किसी भी जिले ने अब तक तबादलों के लिए पात्र शिक्षकों की सूची जारी नहीं की है। इसके साथ ही शिक्षकों के रिक्त पदों की सूची भी सिर्फ पांच जिलों—ऊधमसिंह नगर, पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग और अल्मोड़ा—द्वारा भेजी गई है, जबकि बाकी जिलों से कोई सूचना नहीं आई है। इस लापरवाही के चलते न सिर्फ तबादला प्रक्रिया में देरी हो रही है, बल्कि शिक्षकों में असमंजस की स्थिति भी बनी हुई है। शिक्षकों और कर्मचारी संगठनों ने इस धीमी प्रक्रिया पर नाराजगी जताई है और मांग की है कि सभी जिलों को निर्देशित किया जाए कि वे जल्द से जल्द पात्रता और रिक्तियों की सूची तैयार कर शासन को भेजें, ताकि समय पर पारदर्शी और व्यवस्थित तबादला प्रक्रिया पूरी हो सके।
तो यह है तैयारी न करने की वजह
शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों का कहना है कि तबादलों के लिए सुगम-दुर्गम क्षेत्र का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इस साल तबादले होंगे भी, यह हाईकोर्ट का फैसला आने तक कहा ही नहीं जा सकता। यही वजह है विभाग की ओर से तबादलों के लिए कोई खास तैयारी नहीं है।