उत्तराखंड में गरीबों का राशन ले रहे अपात्र, ई-केवाईसी प्रक्रिया में सामने आए कई मामले..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में गरीबों के लिए राशन वितरण के दौरान अपात्र लोगों का लाभ लेने का मामला थम नहीं रहा है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने पिछले चार वर्षों में लगभग एक लाख अपात्र परिवारों के राशन कार्ड रद्द किए हैं। इसके बावजूद हाल के दिनों में डिजिटल सत्यापन और आधार से ई-केवाईसी प्रक्रिया के दौरान फिर से अपात्र लाभार्थियों के प्रकरण सामने आ रहे हैं। विभाग ने कहा कि सरकारी राशन केवल पात्र लोगों को ही दिया जाएगा, और इसके लिए प्रदेशभर में ई-केवाईसी प्रक्रिया चल रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि लाभार्थी वास्तव में जीवित और पात्र हैं। हालांकि, देहरादून शहर और डोईवाला विकासखंड के कुछ क्षेत्रों में राशन कार्ड के अनुरूप ई-केवाईसी नहीं हो पा रही है, जिससे विभाग को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों का कहना हैं कि सिस्टम में गड़बड़ी और स्थानीय स्तर पर पारदर्शिता की कमी कारण बन रही है, और विभाग इसे जल्द सुधारने के लिए कार्यरत है। ई-केवाईसी और डिजिटल सत्यापन की प्रक्रिया से तो पारदर्शिता बढ़ी है, लेकिन स्थानीय निगरानी और नियमित निरीक्षण के बिना अपात्र लाभार्थियों की संख्या को पूरी तरह रोकना मुश्किल है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अपर आयुक्त पीएस पांगती के अनुसार आधार से राशन कार्ड को डिजिटल रूप से सत्यापित न करने पर अगले महीने से ऐसे लोगों को राशन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा, राशन विक्रेताओं को ई-केवाईसी के लिए निर्देश दिए गए हैं, इस बारे में जल्द ही अलग से भी निर्देश जारी किया जा रहा है।
उत्तराखंड में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने आधार कार्ड के माध्यम से राशन कार्ड को डिजिटल रूप से सत्यापित करने की प्रक्रिया शुरू की है, ताकि फर्जी और मृत लाभार्थियों के नाम हटाए जा सकें। विभाग ने कहा कि सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद राशन ले रहे अपात्र लोगों के नाम राशन कार्ड से हटा दिए जाएंगे। इस उद्देश्य से विभाग ने “अपात्र को न पात्र को हां” अभियान चलाया, जिसके तहत अब तक 91,577 राशन कार्ड और 3,59,178 यूनिट रद्द किए जा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, हरिद्वार जिले में सबसे अधिक 16,259 राशन कार्ड रद्द किए गए हैं, जबकि देहरादून जिले में 15,529 परिवारों के राशन कार्ड रद्द किए गए। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई गरीब और वास्तविक लाभार्थियों को उचित राशन सुनिश्चित करने के लिए की गई है। डिजिटल सत्यापन और ई-केवाईसी प्रक्रिया से राशन वितरण में पारदर्शिता बढ़ी है और भविष्य में अपात्र लाभार्थियों की पहचान और हटाना और आसान होगा।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से अंत्योदय योजना के तहत प्रति राशन कार्ड 35 किलोग्राम राशन दिया जाता है। जबकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत एक यूनिट पर पांच किलोग्राम राशन मिलता है। जिसमें एक किलो 900 ग्राम गेहूं और तीन किलो 100 ग्राम चावल दिया जाता है। प्रदेश में ई-केवाईसी का काम राशन विक्रेताओं से करवाया जा रहा है, इसके लिए कोई पैसा अलग से नहीं दिया जा रहा है। कई लोग सत्यापन में नहीं मिल रहे हैं।