• मुख्य पृष्ठ
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमाऊँ
  • देश-दुनिया
  • संस्कृति
  • पर्यटन
  • खेल-जगत
  • अन्य
    • अपनी बात
    • वायरल वीडियो
    • जॉब्स एंड रिक्रूटमेंट
    • सरकारी योजनाएँ
Thursday, October 16, 2025
No Result
View All Result
  • मुख्य पृष्ठ
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमाऊँ
  • देश-दुनिया
  • संस्कृति
  • पर्यटन
  • खेल-जगत
  • अन्य
    • अपनी बात
    • वायरल वीडियो
    • जॉब्स एंड रिक्रूटमेंट
    • सरकारी योजनाएँ
No Result
View All Result
No Result
View All Result

साहित्यिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, उत्तराखंड में बनेंगे दो साहित्य ग्राम- सीएम धामी..

Admin by Admin
2025-09-15
in उत्तराखंड
0 0
0
23 मार्च को उत्तराखंड में मनाया जाएगा सेवा दिवस..
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whats App

साहित्यिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, उत्तराखंड में बनेंगे दो साहित्य ग्राम- सीएम धामी..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड भाषा संस्थान की ओर से रविवार को आयोजित उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान समारोह साहित्य और संस्कृति के रंगों से सराबोर रहा। राजधानी के आईआरडीटी सभागार में आयोजित इस समारोह में सीएम पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि और भाषा मंत्री सुबोध उनियाल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने घोषणा की कि सरकार साहित्यिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम कर रही है और इसी क्रम में प्रदेश में दो साहित्य ग्राम स्थापित किए जाएंगे। उनका कहना था कि इन साहित्य ग्रामों से नई पीढ़ी को साहित्य से जुड़ने का अवसर मिलेगा और साहित्यकारों को अपनी रचनात्मकता आगे बढ़ाने का मंच प्राप्त होगा।

सीएम धामी ने सम्मान समारोह में शामिल साहित्यकारों की सराहना करते हुए कहा कि वे वे लोग हैं जिन्होंने कई चुनौतियों को स्वीकार कर भी साहित्य सेवा जारी रखी। उन्होंने कहा कि आज का सम्मान उनके वर्षों की मेहनत और समर्पण का प्रतीक है। भाषा मंत्री सुबोध उनियाल ने भी अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड की मातृभाषाओं और साहित्य को जीवंत बनाए रखने के लिए ऐसे आयोजन बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि साहित्यकारों की यह परंपरा नई पीढ़ी को भी प्रेरित करेगी। सम्मान समारोह के बाद आयोजित कवि सम्मेलन में प्रख्यात कवियों और साहित्यकारों ने अपनी कविताओं और रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरे सभागार में साहित्यिक उत्सव का अद्भुत माहौल देखने को मिला।

सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड के साहित्यकारों और रचनाकारों की रचनाएं समाज को नई दिशा और नई सोच दे रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार साहित्य और संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार कार्य कर रही है। इसी क्रम में साहित्य गौरव सम्मान, साहित्य भूषण, लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के साथ-साथ नवोदित लेखकों को भी सम्मानित किया जा रहा है। सीएम धामी ने यह भी कहा कि सरकार प्रदेश की स्थानीय बोलियों और भाषाओं के संरक्षण के लिए गंभीरता से प्रयासरत है। उन्होंने साहित्यकारों को समाज का दर्पण बताते हुए कहा कि उनकी रचनाएं पीढ़ियों तक प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी।

कार्यक्रम में वर्ष 2024 और 2025 के लिए विभिन्न विभूतियों को सम्मानित किया गया। इनमें साहित्यकार शैलेश मटियानी, जनकवि गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’, लोकगायक हीरा सिंह राणा और कवि शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ को मरणोपरांत सम्मानित किया गया। वहीं, जनकवि अतुल शर्मा और साहित्यकार सोमवारी लाल उनियाल प्रदीप को भी इस अवसर पर सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के बाद आयोजित कवि सम्मेलन में प्रख्यात कवियों और साहित्यकारों ने अपनी कविताओं और रचनाओं से दर्शकों को भावविभोर कर दिया। पूरे सभागार में साहित्यिक और सांस्कृतिक उत्सव का अद्भुत माहौल देखने को मिला।

इस अवसर पर साहित्यकार शैलेश मटियानी का पुरस्कार उनकी पत्नी नीला मटियानी और पुत्र राकेश मटियानी ने ग्रहण किया। जनकवि गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ के सम्मान को उनकी पत्नी हेमलता तिवारी और पुत्र तुहिन तिवारी ने प्राप्त किया। कवि शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़’ का सम्मान उनकी परिजन गौरा देवी और आनंद ने स्वीकार किया। वहीं, लोकगायक हीरा सिंह राणा का सम्मान उनकी पत्नी विमला देवी ने ग्रहण किया। सरकार की ओर से चयनित साहित्यकारों और रचनाकारों को पांच लाख रुपये की धनराशि, सम्मान पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किए गए। सीएम धामी ने कहा कि यह सम्मान केवल व्यक्तियों का नहीं बल्कि पूरे उत्तराखंड की साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान है।

उन्होंने कहा कि इन विभूतियों ने अपने जीवनभर समाज को नई दिशा और नई सोच देने का कार्य किया है। सीएम धामी ने इस दौरान सभी पुरस्कार पाने वाले वरिष्ठ और बुजुर्ग साहित्यकारों का आशीर्वाद भी लिया। उन्होंने कहा कि सरकार साहित्यिक पर्यटन और स्थानीय बोली-भाषाओं के संरक्षण की दिशा में ठोस प्रयास कर रही है और ऐसे आयोजन युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों और परंपराओं से जोड़ने का कार्य करेंगे। सम्मान समारोह के बाद हुए कवि सम्मेलन में भी प्रदेशभर से आए कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरा सभागार साहित्य और संस्कृति की समृद्ध विरासत का गवाह बना।

Tags: uttarakhandnewsuttarakhandpageसीएम धामी
Previous Post

चार दिन के दौरे के बाद मॉरीशस पीएम लौटे स्वदेश, सीएम धामी ने स्मृति स्वरूप भेंट किया प्रसाद..

Next Post

ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर उत्तराखंड, UPCL ने 2027 का लक्ष्य समय से पहले पूरा किया..

Admin

Admin

Next Post
राज्यपाल में दी लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश को हरी झंडी..

ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर उत्तराखंड, UPCL ने 2027 का लक्ष्य समय से पहले पूरा किया..

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

https://uttarakhandpage.com/wp-content/uploads/2025/10/yuva_UK.mp4
Facebook Twitter Youtube

Categories

Uncategorized (30) अपनी बात (11) उत्तराखंड (2466) कुमाऊँ (278) खेल-जगत (46) गढ़वाल (463) जॉब्स एंड रिक्रूटमेंट (20) देश-दुनिया (443) पर्यटन (51) वायरल वीडियो (5) संस्कृति (3) सरकारी योजनाएँ (6)

Contact Details

Portal Name: uttarakhandpage

Name:  Ayush Raturi

Mobile:  7088882551

Email: uttarakhandpage@gmail.com

Address:  B-1 Block, H/N -142, First Floor Lane No 6, Mata Mandir Rd, Saraswati Vihar, Ajabpur Khurd Dehradun.

Copyright © 2024 UTTARAKHAND-PAGE

No Result
View All Result
  • #2408 (no title)
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमाऊँ
  • देश-दुनिया
  • संस्कृति
  • पर्यटन
  • खेल-जगत
  • अन्य
    • अपनी बात
    • वायरल वीडियो
    • जॉब्स एंड रिक्रूटमेंट
    • सरकारी योजनाएँ

Copyright © 2024 UTTARAKHAND-PAGE

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In