मेडिकल छात्रों के सांस्कृतिक उत्सव में मंत्री का बड़ा ऐलान, सभी कॉलेजों में डिजिटल लाइब्रेरी बनेगी..
उत्तराखंड: वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में मंगलवार को एमबीबीएस छात्रों के वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव ‘जील-2025’ का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर कॉलेज प्रबंधन, संकाय सदस्य और छात्र-छात्राओं की बड़ी संख्या मौजूद रही। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार चिकित्सा शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि एमबीबीएस छात्रों के लिए शैक्षणिक और अनुसंधान माहौल को और बेहतर बनाने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड को मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाया जाए। मंत्री ने छात्रों से आह्वान किया कि वे शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय भागीदारी निभाएं, क्योंकि एक सफल चिकित्सक के लिए मानवीय संवेदनशीलता और नेतृत्व क्षमता का होना भी आवश्यक है।
कार्यक्रम के दौरान मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों, नृत्य, संगीत और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शकों का मन मोह लिया। रंगारंग प्रस्तुतियों ने कॉलेज परिसर में उत्सव जैसा माहौल बना दिया। कॉलेज प्रशासन ने कहा कि ‘जील-2025’ के तहत पूरे सप्ताह विभिन्न सांस्कृतिक, खेल और साहित्यिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इन आयोजनों का उद्देश्य छात्रों में टीम भावना, सृजनात्मकता और नेतृत्व कौशल को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य, शिक्षकों, डॉक्टरों और छात्रों ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री का स्वागत किया और कॉलेज की उपलब्धियों से उन्हें अवगत कराया। कार्यक्रम के अंत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत भी किया गया।
उत्तराखंड में मेडिकल शिक्षा के स्तर को और सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने छात्रों के लिए कई सुविधाओं की घोषणा की। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है कि मेडिकल छात्रों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराया जाए। इसके तहत अब प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में लाइब्रेरी 24 घंटे खुली रहेगी, ताकि छात्र अपनी सुविधा के अनुसार अध्ययन कर सकें। इसके साथ ही प्रत्येक हॉस्टल में सुविधायुक्त रीडिंग रूम की स्थापना की जाएगी। डॉ. रावत ने कहा कि राज्य के मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों में ई-ग्रंथालय की स्थापना की जाएगी, जिससे छात्र डिजिटल संसाधनों तक आसानी से पहुंच प्राप्त कर सकेंगे।
साथ ही प्रत्येक मेडिकल कॉलेज को 15 प्रकार की खेल सामग्रियां प्रदान की जाएंगी, ताकि छात्र शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें। मंत्री ने यह भी कहा कि मेडिकल कॉलेजों के बीच अंतर-महाविद्यालयीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा, जिसका ग्रैंड फिनाले एआईएमएस ऋषिकेश में होगा। इसका उद्देश्य छात्रों में टीम भावना, शारीरिक फिटनेस और प्रतिस्पर्धात्मक कौशल को बढ़ावा देना है। डॉ. रावत ने छात्रों से आह्वान किया कि वे शिक्षा, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी निभाएं, ताकि समग्र विकास सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि ये सभी कदम छात्रों के लिए आधुनिक, सुविधायुक्त और प्रेरक शैक्षणिक वातावरण तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में दो गर्ल्स हॉस्टलों के मरम्मत कार्यों का शिलान्यास किया। साथ ही उन्होंने बेस अस्पताल श्रीनगर में इमरजेंसी ओटी और ऑब्स एंड गायनी ओटी का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि हॉस्टल के मरम्मत कार्यों के पूरा होने के बाद छात्राओं को बेहतर आवासीय और शैक्षणिक सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनका शैक्षणिक माहौल और सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि उत्तराखंड के सभी मेडिकल कॉलेज न केवल शिक्षण संस्थान के रूप में प्रतिष्ठित हों, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में भी स्थापित हों।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने मुख्य अतिथि डॉ. रावत का स्वागत किया और कहा कि मंत्री के नेतृत्व में राज्य की चिकित्सा शिक्षा निरंतर प्रगति कर रही है, जिससे हजारों छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। प्राचार्य ने इस मौके पर मंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दीं। हॉस्टल और ओटी परियोजनाओं का यह शुभारंभ छात्रों के लिए आधुनिक और सुविधा संपन्न शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अधिकारीयों का कहना है कि इन कार्यों के पूरा होने से न केवल छात्राओं की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि मेडिकल कॉलेज की समग्र शिक्षण गुणवत्ता और शोध गतिविधियों में भी सुधार होगा।