पिथौरागढ़ में पासपोर्ट सेवा केंद्र खोलने की तैयारी तेज, दो संभावित स्थलों पर चल रहा मंथन..
उत्तराखंड: उत्तराखंड के सीमांत जिला पिथौरागढ़ के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। लंबे इंतजार के बाद यहां पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSK) खोलने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। जिले के लोग पिछले एक दशक से लगातार पासपोर्ट कार्यालय खोलने की मांग कर रहे थे, जो अब पूरी होने की कगार पर है। सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित पासपोर्ट सेवा केंद्र की स्थापना के लिए प्रशासन ने गंभीरता से काम शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी पिथौरागढ़ विनोद गोस्वामी ने डाक विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ प्रस्तावित स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद रिपोर्ट तैयार की जा रही है, ताकि जल्द ही पासपोर्ट सेवा केंद्र की औपचारिक शुरुआत हो सके। अब तक जिले के लोगों को पासपोर्ट बनाने के लिए देहरादून या हल्द्वानी जैसे शहरों का रुख करना पड़ता था। इससे न केवल समय और धन की बर्बादी होती थी, बल्कि आम नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता था। पासपोर्ट सेवा केंद्र खुलने से स्थानीय लोगों को अपने ही जिले में पासपोर्ट संबंधी सभी सेवाएँ मिल सकेंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि सीमांत जिलों में पासपोर्ट कार्यालय खोलने से न केवल आमजन को सुविधा मिलेगी, बल्कि यह कदम प्रशासनिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण होगा। इससे सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा।
पिथौरागढ़ के लोगों की एक दशक पुरानी मांग अब पूरी होने जा रही है। यहां शीघ्र ही अस्थायी पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSK) स्थापित किया जाएगा। इसके लिए स्थान भी तय कर लिया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, पासपोर्ट सेवा केंद्र कलेक्ट्रेट परिसर के पीछे वाले हिस्से में स्थापित किया जाएगा। वर्तमान में यहां सहायक निदेशक (बचत कार्यालय) एवं जिला होमगार्ड कमांडेंट कार्यालय स्थित हैं। इसी स्थल पर अब अस्थायी पासपोर्ट सेवा केंद्र शुरू करने की तैयारी चल रही है। जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने डाक विभाग एवं अन्य अधिकारियों के साथ स्थल का निरीक्षण कर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि पासपोर्ट सेवा केंद्र की स्थापना से न केवल जनपद पिथौरागढ़ बल्कि पड़ोसी जनपद चंपावत और बागेश्वर के नागरिकों को भी सीधा लाभ मिलेगा। अब तक सीमांत क्षेत्र के लोगों को पासपोर्ट से जुड़ी सेवाओं के लिए देहरादून, हल्द्वानी या अन्य बड़े शहरों की यात्रा करनी पड़ती थी। इससे न केवल समय और पैसे की बर्बादी होती थी बल्कि आम नागरिकों को भारी परेशानी भी उठानी पड़ती थी। नए केंद्र के खुलने से लोगों को अपने जिले में ही पासपोर्ट संबंधी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने बताया कि राज्य सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है। हाल ही में प्राप्त एक आधिकारिक ईमेल में स्पष्ट किया गया है कि यदि जिला प्रशासन भवन की व्यवस्था सुनिश्चित करता है, तो केंद्र की स्थापना के लिए संबंधित विभाग द्वारा पूर्ण सहमति प्रदान कर दी जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि पासपोर्ट सेवा केंद्र को प्रधान डाकघर परिसर के आसपास स्थापित करना आवश्यक है, ताकि बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी और अन्य तकनीकी आवश्यकताओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित हो सके। इसी क्रम में प्रधान डाकघर परिसर में दो संभावित स्थान चिन्हित किए गए हैं। वर्तमान पार्किंग स्थल को सुव्यवस्थित कर केंद्र हेतु तैयार करना, किसी अन्य उपयुक्त स्थल का चयन कर स्थायी केंद्र विकसित करना। यह पहल सीमांत क्षेत्र के लोगों को पासपोर्ट जैसी महत्वपूर्ण सेवा उनके घर के नजदीक उपलब्ध कराने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। डीएम ने कहा कि जब तक स्थायी केंद्र की व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक कलेक्ट्रेट परिसर में अस्थायी पासपोर्ट सेवा केंद्र शीघ्र कार्यान्वित किया जाएगा। इसके लिए कुछ कक्षों का चयन किया गया है। इस कदम से जिले के निवासियों को समयबद्ध, पारदर्शी एवं सुगम पासपोर्ट सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी तथा सरकारी योजनाओं के अंतर्गत डिजिटल कनेक्टिविटी को भी मजबूती मिलेगी। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कोषागार परिसर का भी भ्रमण किया तथा सीनियर सिटीजनों की सुविधा के लिए बेंच लगाने एवं पेयजल की उपलब्धता हेतु आरओ लगाए जाने के निर्देश दिए हैं।