• मुख्य पृष्ठ
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमाऊँ
  • देश-दुनिया
  • संस्कृति
  • पर्यटन
  • खेल-जगत
  • अन्य
    • अपनी बात
    • वायरल वीडियो
    • जॉब्स एंड रिक्रूटमेंट
    • सरकारी योजनाएँ
Thursday, October 16, 2025
No Result
View All Result
  • मुख्य पृष्ठ
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमाऊँ
  • देश-दुनिया
  • संस्कृति
  • पर्यटन
  • खेल-जगत
  • अन्य
    • अपनी बात
    • वायरल वीडियो
    • जॉब्स एंड रिक्रूटमेंट
    • सरकारी योजनाएँ
No Result
View All Result
No Result
View All Result

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उत्तराखंड में 18 हजार से अधिक शिक्षकों की पदोन्नति पर रोक..

Admin by Admin
2025-10-06
in उत्तराखंड
0 0
0
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार..
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whats App

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उत्तराखंड में 18 हजार से अधिक शिक्षकों की पदोन्नति पर रोक..

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में बेसिक और जूनियर हाईस्कूलों के 18 हजार से अधिक शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है, जिसके कारण राज्य में शिक्षकों की पदोन्नतियां फिलहाल रोक दी गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिला शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षकों की पदोन्नति जारी करने या रोकने को लेकर शिक्षा निदेशालय से दिशा-निर्देश मांगे थे। इसके जवाब में शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश और राज्य सरकार के फैसले के बारे में सूचित करें।राज्य सरकार ने इस प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है, ताकि शिक्षकों की पदोन्नति की प्रक्रिया जल्द ही पुनः शुरू हो सके। अधिकारियों के अनुसार, इस फैसले का असर प्रदेश में हजारों शिक्षकों की करियर प्रगति पर पड़ा है और इस मामले में सरकार और न्यायालय के बीच समन्वय आवश्यक है। विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा की अनिवार्यता से शिक्षा की गुणवत्ता और मानकीकरण बढ़ेगा, लेकिन इससे अस्थायी तौर पर शिक्षकों की पदोन्नति पर प्रभाव पड़ा है।

प्रारंभिक शिक्षा निदेशक अजय कुमार नौटियाल का कहना हैं कि चमोली, टिहरी गढ़वाल और चंपावत के जिला शिक्षा अधिकारियों ने विभिन्न पत्रों के माध्यम से शिक्षकों की पदोन्नति के संबंध में मार्गदर्शन मांगा है। जिला अधिकारियों ने यह भी कहा कि कुछ जिलों में शिक्षक पदोन्नति की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है। शिक्षा निदेशक ने स्पष्ट किया कि इन शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में सूचित किया जाए, जिसमें 1 सितंबर 2025 तक सभी शिक्षकों के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) अनिवार्य कर दिया गया है और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। फिलहाल, पुनर्विचार याचिका की प्रक्रिया चल रही है, ताकि शिक्षकों की पदोन्नति की प्रक्रिया जल्द ही पुनः शुरू हो सके और धरना-प्रदर्शन को शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त किया जा सके। टीईटी अनिवार्यता से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी, लेकिन इससे शिक्षकों की तत्काल पदोन्नति पर प्रभाव पड़ा है, जिससे राज्य सरकार और न्यायालय के बीच समन्वय आवश्यक हो गया है।

यह है टीईटी की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला..

1 सितंबर 2025 को आए आदेश में कहा गया था कि जिन शिक्षकों की सेवा अवधि में पांच साल से अधिक समय बचा है, उन्हें दो वर्षों के भीतर टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। यह आदेश पुराने और नए दोनों शिक्षकों पर लागू है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया है कि शिक्षकों की पदोन्नति के लिए भी टीईटी अनिवार्य होगी, जिससे उत्तराखंड में पदोन्नति प्रक्रिया फिलहाल रुकी हुई है। हालांकि, प्रदेश में 2010-11 से पहले नियुक्त शिक्षकों पर टीईटी और पदोन्नति के लिए यह नियम लागू नहीं होना चाहिए, क्योंकि उस समय टीईटी लागू नहीं थी और शिक्षकों की नियुक्ति उस समय की व्यवस्था के अनुसार वैध रूप से की गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से अंतिम फैसला आने तक इन शिक्षकों की पदोन्नति रोकनी नहीं चाहिए। इस आदेश के बाद राज्य में बेसिक और जूनियर हाईस्कूलों के हजारों शिक्षक अपनी पदोन्नति और करियर प्रगति के लिए चिंतित हैं। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है, ताकि शिक्षकों की पदोन्नति जल्द ही पुनः शुरू हो सके और पुराने शिक्षकों के हितों की रक्षा की जा सके। शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि जिला शिक्षा अधिकारी अब शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश और राज्य सरकार के फैसले से अवगत करा रहे हैं, ताकि सभी शिक्षकों को स्थिति स्पष्ट रूप से समझ में आए और अनावश्यक भ्रम से बचा जा सके।

 

 

Tags: breakingnewsuttarakhandnewsuttarakhandpageशिक्षकसुप्रीम कोर्ट
Previous Post

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे जल्द खुलेगा, सिर्फ ढ़ाई घंटे में होगी राजधानी से देहरादून की यात्रा..

Next Post

वन्यजीव संरक्षण को मजबूत करने के लिए केंद्रीय मंत्री यादव ने पांच प्रमुख राष्ट्रीय परियोजनाओं का शुभारंभ किया..

Admin

Admin

Next Post
वन्यजीव संरक्षण को मजबूत करने के लिए केंद्रीय मंत्री यादव ने पांच प्रमुख राष्ट्रीय परियोजनाओं का शुभारंभ किया..

वन्यजीव संरक्षण को मजबूत करने के लिए केंद्रीय मंत्री यादव ने पांच प्रमुख राष्ट्रीय परियोजनाओं का शुभारंभ किया..

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

https://uttarakhandpage.com/wp-content/uploads/2025/10/yuva_UK.mp4
Facebook Twitter Youtube

Categories

Uncategorized (30) अपनी बात (11) उत्तराखंड (2466) कुमाऊँ (278) खेल-जगत (46) गढ़वाल (463) जॉब्स एंड रिक्रूटमेंट (20) देश-दुनिया (443) पर्यटन (51) वायरल वीडियो (5) संस्कृति (3) सरकारी योजनाएँ (6)

Contact Details

Portal Name: uttarakhandpage

Name:  Ayush Raturi

Mobile:  7088882551

Email: uttarakhandpage@gmail.com

Address:  B-1 Block, H/N -142, First Floor Lane No 6, Mata Mandir Rd, Saraswati Vihar, Ajabpur Khurd Dehradun.

Copyright © 2024 UTTARAKHAND-PAGE

No Result
View All Result
  • #2408 (no title)
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमाऊँ
  • देश-दुनिया
  • संस्कृति
  • पर्यटन
  • खेल-जगत
  • अन्य
    • अपनी बात
    • वायरल वीडियो
    • जॉब्स एंड रिक्रूटमेंट
    • सरकारी योजनाएँ

Copyright © 2024 UTTARAKHAND-PAGE

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In