पेपर लीक के बाद यूकेएसएसएससी परीक्षा रद्द, सरकार ने उठाया अहम कदम..
उत्तराखंड: अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा रद्द कर दी गई है। यह निर्णय जांच के लिए गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग की रिपोर्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपे जाने के बाद लिया गया। आयोग ने 21 सितंबर 2025 को प्रदेश में आयोजित परीक्षा की जांच की थी, जिसमें करीब एक लाख पांच हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने परीक्षा रद्द करने का फैसला किया। यह कदम पेपर लीक प्रकरण के बाद उठाया गया, जिसने अभ्यर्थियों और युवाओं में भारी आक्रोश पैदा कर दिया था। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले प्रदेश के कई युवा धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए थे। इस बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी युवाओं के बीच पहुंचे और उनकी मांगों पर संवेदनशीलता और कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद युवाओं ने अपना धरना समाप्त कर दिया। स्नातक स्तरीय परीक्षा के रद्द होने के बाद नए सत्र और परीक्षा की तारीख जल्द घोषित की जाएगी। इसके साथ ही उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए उपाय लागू किए जाएंगे।
पेपर लीक प्रकरण के बाद उत्तराखंड बेरोजगार संघ के युवाओं ने सरकार को दस दिन का समय दिया था। आज यह समयसीमा पूरी होने के बाद सरकार ने परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया। जांच में पाया गया कि हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से पेपर के तीन पेज मोबाइल के माध्यम से बाहर भेजे गए थे। परीक्षा के दौरान ही यह सामग्री सोशल मीडिया में वायरल हो गई। इस घटना ने अभ्यर्थियों और युवाओं में भारी आक्रोश पैदा कर दिया। मामले में छात्रों ने परीक्षा रद्द करने और सीबीआई जांच की मांग को लेकर आंदोलन किया। इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी स्वयं आंदोलन स्थल पर पहुंचे और सीबीआई जांच कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद छात्रों ने अपना आंदोलन समाप्त किया। सरकार ने कहा कि परीक्षा रद्द होने के बाद नई परीक्षा की तिथि और प्रक्रिया जल्द घोषित की जाएगी। इसके साथ ही आयोग की परीक्षा संचालन प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में एसआईटी गठन के साथ ही उत्तराखंड उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता वाले एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। जांच आयोग ने प्रदेशभर में आयोजित जनसंवाद और शिकायतों के आधार पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने परीक्षा रद्द करने का बड़ा फैसला लिया। उधर, भाजपा विधायक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को सीएम धामी से भेंट कर परीक्षा को छात्रहित में रद्द करने और दोबारा कराने की मांग की थी। सीएम ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए जांच आयोग का गठन किया था और छात्रों के हित में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। इस निर्णय से छात्रों और अभ्यर्थियों को राहत मिली है। लंबे समय से परीक्षा को लेकर उठ रहे सवालों और पेपर लीक प्रकरण के बाद यह कदम छात्रहित में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।