उत्तराखंड चुनाव में सबसे बड़ा सवाल..
पूर्व सीएम हरीश रावत खुद चुनाव लड़ेंगे या लड़ाएंगे..
उत्तराखंड : कांग्रेस विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों को तय करने के अंतिम दौर में आ चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कांग्रेस अपनी पहली लिस्ट जारी कर देगी। प्रत्याशियों के चयन के बीच आज भी सबसे बड़ा सवाल यही है कि कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष पूर्व सीएम हरीश रावत खुद भी चुनाव लड़ेंगे या फिर चुनाव लड़वाएंगे..
उत्तराखंड में बीते कई महीने से न केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा समेत बाकी दल भी इस सवाल का जवाब जानने को बेकरार हैं। रावत हर बार इस सवाल को बेहद सफाई से टाल जाते हैं। रावत शुरू से कहते आ रहे हैं कि उनका चुनाव लड़ना या न लड़ना हाईकमान और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ही तय करेंगे। वो जहां से कहेंगे, मैं चुनाव लडने के लिए मैदान में उतर जाऊंगा।
पार्टी के अनुसार रावत के पत्ते न खोलने के पीछे अहम वजह भी हैं। पहला तर्क यह दिया जा रहा है कि रावत के समर्थक उनके लिए ऐसी सीट तलाश रहे हैं जो अपेक्षाकृत सरल हो और उसके साथ ही उसका प्रभाव आसपास की अन्य सीटों पर भी पड़े। इसमें फोकस मैदान के बजाए पहाड़ की सीट पर ही ज्यादा है।
चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष होने के नाते रावत को प्रदेशभर में पार्टी के लिए प्रचार भी संभालना है। ऐसे में उनकी अपनी सीट पर असर नहीं पड़ना चाहिए। इससे भविष्य में कांग्रेस के सत्ता में आने की स्थिति में आगे रणनीतिक रूप से फायदेमंद होगा। हालांकि दूसरा तर्क यह भी कि फिलहाल रावत चुनाव लड़ाने पर पूरी ताकत लगाएं। बाद में जरूरत पड़ने पर वो अपने सीट भी खाली करा सकते हैं।
रावत जी प्रदेश के सबसे सीनियर नेता है। 10 से ज्यादा सीटों पर पार्टी नेताओं ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया है। रावत चुनाव लड़ेंगे और कहां से लड़ेंगे, यह पार्टी का रणनीतिक फैसला है। समय आने पर तस्वीर साफ हो जाएगी।