आपदा पर भारी आस्था: केदारनाथ में पहुंच रहे 10 हजार श्रद्धालु, अब तक चारों धाम में पहुंचे 2 लाख
देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा फिर से पटरी पर आने लगी है। 2 दिन तक भारी बारिश के चलते यात्रा बाधित होने के बाद जैसे ही यात्रा का संचालन शुरू हुआ, श्रद्धालुओं में नया जोश और उत्साह नजर आने लगा। 21 अक्टूबर को 14 हजार से ज्यादा यात्रियों ने केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन किए। बदरीनाथ धाम भी गुरुवार को हल्के वाहनों के लिए खोल दिए गए हैं। 18 सितंबर से अब तक चारों धाम में 2 लाख से ज्यादा यात्री पहुंच चुके हैं।
केदारनाथ धाम में अब तक 1 लाख से ज्यादा यात्री पहुंचे उत्तराखंड में मौसम खुलते ही चारधाम यात्रा फिर से पटरी पर आने लगी है। सरकारी सिस्टम और मशीनरी चारधाम यात्रा मार्गों को दुरस्त करने में जुटी है। जिससे श्रद्धालुओं में भी यात्रा को लेकर नया उत्साह नजर आ रहा है। उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा से पहले 15 अक्टूबर को केदारनाथ धाम में 11018 यात्री और चारों धाम में 17773 यात्री पहुंचे। यात्रियों के लिए चारधाम खुलने के 18 सितंबर से 15 अक्टूबर तक चारोंधाम में कुल 143531 यात्री दर्शन कर चुके थे। बारिश के बंद होने और केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री का संचालन शुरु होने के बाद 20 अक्टूबर को केदारनाथ में 1126 औ तीनों धाम में कुल 3507 यात्री पहुंचे। इस तरह से धामों में 199941 यात्री दर्शन कर चुके थे। लेकिन 21 अक्टूबर को एक बार फिर यात्रा में तेजी देखी गई। केदारनाथ में 10504, गंगोत्री में 1432 और यमुनोत्री में 2444 यात्रियों ने दर्शन किए। इस तरह से तीनों धाम में कुल 14380 यात्री पहुंचे। 18 सितंबर से अब तक गंगोत्री में 17557 यमुनोत्री में 19795 केदारनाथ में 113829 बद्रीनाथ में 53975 यात्री दर्शन कर चुके हैं। इस तरह से चारों धाम में 214321 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं।
हल्के वाहन के लिए खुला बदरीनाथ: चार धाम यात्रा एक बार फिर पूरी तरह से पटरी पर आने लगी है। केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के बाद बद्रीनाथ यात्रा भी अब सिलसिलेवार शुरू हो रही है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया है कि छोटे और हल्के वाहनों के लिए बद्रीनाथ का रूट खुल गया है। साथ ही बताया कि नैनीताल से मुक्तेश्वर और आपदाग्रस्त रामगढ़ का सड़क रास्ता भी खुल गया है। मीडिया में दिए बयान के आधार पर डीजीपी अशोक कुमार की जानकारी सामने आई है। उत्तराखंड में रविवार से मंगलवार तक हुई भारी बारिश और भूस्खलन के चलते मुख्य हाईवे बंद हो गए थे। जो अब मौसम साफ होने के साथ ही शुरू हो रहे हैं।
1 माह से भी कम समय बचा चारधाम यात्रा के लिए अब ये सीजन 1 माह से भी कम समय बच गया है। 5 नवंबर से चारधाम यात्रा शीतकाल के लिए बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सबसे पहले गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूठ के पावन पर्व पर पांच नवंबर को सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर बंद होंगे। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज पर छह नवंबर को दोपहर साढ़े बारह बजे बंद किए जाएंगे। कपाट बंद होने के बाद शीतकाल में गंगा मां की भोग मूर्ति के दर्शन उनके मायके ग्राम मुखबा और मां यमुना के दर्शन खरशाली स्थित उनके शीतकालीन मंदिरों में होंगे। केदारनाथ के कपाट 6 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 20 नवंबर को शाम 6:45 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।