1800 करोड़ की धनराशि से होगा जोशीमठ का स्थिरीकरण, प्रभावितों का पुर्नवास
चमोली जिले में आपदा की मार झेले चुके जोशीमठ शहर को अब 1800 करोड़ की लागत से कुछ सहारा मिलेगा। केन्द्रीय गृह मंत्रालय की हालिया बैठक में राज्य की ओर से जोशीमठ के उपचार के दृष्टिगत रखे गये प्रोजेक्ट को सैद्वांतिक स्वीकृति दी गयी। जोशीमठ के स्थिरीकरण, प्रभावितों के पुनर्वास समेत अन्य कार्यों पर यह धनराशी खर्च होगी।
वर्ष की शुरूआत में जोशीमठ के एक बड़े हिस्से में भूमि व घरों में दरारें पड़ने से शहर के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा हो गया था। इसके तत्काल बाद सरकार की ओर से राहत एवं बचाव के कदम उठाये गये। तमाम ऐजेंसियां धसांव के कारणों की पड़ताल में लगी रही। जांच ऐजेसिंयों की रिपोर्ट मिलने के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने जोशीमठ के स्थिरीकरण, पुनर्वास एवं सीवेज प्लान समेत अन्य कार्यों के लिए राज्य को प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा। जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा प्रोजेक्ट केन्द्र को भेजा गया।
दिल्ली में जोशीमठ के उपचार को लेकर हुयी बैठक में राज्य की ओर से आपदा प्रबन्धन सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रोजेक्ट के तहत कुल 1800 करोड़ की धनराशि में केन्द्र 1464 करोड़ देगा, शेष 336 करोड़ की धनराशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जायेगी।
1800 करोड़ की लागत से होंगे ये कार्य:-
1. आपदा प्रभावित क्षेत्र का स्थिरीकरण।
2. आपदा प्रभावितों का पुनर्वास।
3. पुनर्वास हेतु चयनित स्थलों का भूमि विकास।
4. जोशीमठ शहर का ड्रेनेज व सीवेज प्लान।
5. शहर के नालों की लाइनिंग।
6. हो रहे कटाव की रोकथाम।