गर्भगृह के दर्शन नहीं होने से यात्रियों की आस्था को पहुंच रही थी ठेस..
तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर समिति के अध्यक्ष से की मुलाकात,..
लम्बी बातचीत और नोक-झोंक होने के बाद गर्भगृह के दर्शन पर बनी सहमति
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें मंदिर समिति की ओर से गर्भगृह में जाने दिया जायेगा। इससे पहले केदारनाथ धाम पहुंच रहे भक्तों को सभामंडप से ही भगवान केदारनाथ के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग के दर्शन करवाये जा रहे थे, मगर जब तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर समिति के खिलाफ बुधवार को अपना आक्रोश दिखाया तो मंदिर समिति ने अपना निर्णय वापस ले लिया। जिसके बाद से श्रद्धालुओं को गर्भगृह में जाने दिया जा रहा है। गर्भगृह में जाने की अनुमति मिलने के बाद श्रद्धालुओं में भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।
बता दें कि इस वर्ष छह मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में दर्शनार्थियों का नया रिकॉर्ड बना है। यात्रा के पहले ही दिन 23,512 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए थे। इसके बाद मई माह के 26 दिनों में ही 4 लाख से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच गए थे। इस वर्ष अभी तक 12 लाख 87 हजार श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं। केदारनाथ धाम में जब भी यात्रियों की भीड़ बढ़ी, तब बीकेटीसी ने मंदिर के गर्भगृह के दर्शन की व्यवस्था बंद की। इसके बाद मानसून सीजन में यात्रियों की संख्या में कुछ कमी आई तो श्रद्धालुओं को गर्भगृह के दर्शन करवाए गये, लेकिन बीते तीन सप्ताह पहले जब बारिश कम होने पर केदारनाथ में यात्रियों की संख्या बढ़ी तो बीकेटीसी ने गर्भगृह से दर्शन की व्यवस्था बंद कर दी।
इस मामले में एक ओर जहां मंदिर समिति का कहना था कि केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के कारण गर्भगृह के दर्शन बंद किये गये हैं। श्रद्धालुओं को सभामंडप से भगवान केदारनाथ के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग के दर्शन करवाये जा रहे हैं। वहीं इस मामले में तीर्थ पुरोहितों का कहना था कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगाये जाने से दर्शन पर रोक लगाई गई है। देश-विदेश से भगवान शंकर के प्रति अपनी आस्था रखने वाले भक्त ग्यारहवें ज्योतिलिंग के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें गर्भगृह में नहीं जाने दिया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं में मायूसी देखने को मिल रही है।
श्रद्धालुओं को गर्भगृह के दर्शन नहीं कराये जाने से तीर्थ पुरोहितों और मंदिर समिति के बीच तनातनी का माहौल चल रहा था। बुधवार को जब बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय केदारनाथ धाम पहुंचे तो तीर्थ पुरोहितों ने उनसे बातचीत की। इस बीच तीर्थ पुरोहित और उनके बीच गर्भगृह के दर्शन को लेकर नोक-झोंक भी हो गई। काफी बहस के बाद मंदिर समिति अध्यक्ष ने तीर्थ पुरोहितों की बातों को मान लिया और श्रद्धालुओं को गर्भगृह के दर्शन शुरू करवाये गए। तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि केदारनाथ गर्भगृह में सोने की परत लगाये जाने के बाद से गर्भगृह के दर्शन नहीं कराये जा रहे थे। एक ओर ब्रदी-केदार मंदिर समिति अपनी मनमानी करके गर्भगृह के भीतर सोने की परत लगा रही है और दूसरी ओर देश-विदेश के केदारनाथ पहुंच रहे भक्तों को गर्भगृह के दर्शन नहीं करवाये जा रहे थे। उन्होंने कहा कि मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय के केदारनाथ पहुंचने पर तीर्थ पुरोहितों ने उनसे बातचीत की। इस दौरान उनके साथ नोंक-झोंक होने के बाद गर्भगृह के दर्शन करवाये जाने की बात पर सहमति बनी। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम पहुंचने वाले हर
श्रद्धालु की यही प्रार्थना रहती है कि वह गर्भगृह में ग्यारहवें ज्योतिलिंग के दर्शन करे। उन्हें गर्भगृह के दर्शन से वंचित रखने से उनकी आस्था को ठेस पहुंचती है। अब श्रद्धालु गर्भगृह के दर्शन कर सकते हैं। आगे से गर्भगृह के भीतर प्रवेश को बंद नहीं होने दिया जायेगा। वहीं मंदिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा कि गर्भगृह के भीतर यात्रियों के प्रवेश को लेकर तीर्थ पुरोहित समाज के लोग उनसे मिलने आये थे। काफी देर बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया कि तीर्थ यात्रियों को गर्भगृह में भगवान केदारनाथ के स्वयंभू लिंग के दर्शन करवाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि तीर्थ पुरोहितों के साथ नोक-झोंक जैसी कोई बात नहीं हुई है। इस मौके पर केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, उपाध्यक्ष प्रवीण सेमवाल, सदस्य विजेंद्र शर्मा, प्रवक्ता डीएन बाजपेई, राजकुमार तिवारी, संजय तिवारी, संतोष त्रिवेदी सहित कई तीर्थ पुरोहित मौजूद थे।