केदारनाथ के नाम पर सियासत, हरीश रावत सरकार के कार्यकाल तक पहुंची आंच..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम को लेकर जो सियासत उत्तराखंड में देखने को मिल रही है। केदारनाथ के नाम पर शुरू हुई सियासत की आंच अब हरीश रावत सरकार के कार्यकाल तक पहुंच गई है। इसके साथ ही गायक कैलाश खेर का नाम भी इस से जुड़ रहा है। जिसके बाद सत्ता के गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। केदारनाथ को लेकर यूं तो समय-समय पर उत्तराखंड में सियासत गरम रहती है। लेकिन जिस तरीके से वर्तमान में घमासान मचा हुआ है उसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। इसके साथ ही अब केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है उसको लेकर सियासत का केंद्र बिंदु इन दिनों बाबा का धाम बन गया है। दिल्ली में बनाए जाने वाले केदारनाथ धाम के नाम से बाबा के धाम को लेकर जो सियासत शुरू हुई थी वो सोना चोरी, चांदी गायब होने से लेकर अब हरीश रावत सरकार के कार्यकाल में हिटो केदार और कैलाश खेर के द्वारा केदारनाथ पर बनाई गई एलबम तक पहुंच गई है।
हरीश रावत सरकार के कार्यकाल तक पहुंची आंच..
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बयान जारी करते हुए कहा है कि हिटो केदार के तहत 25 लाख का हिसाब और कैलाश खेर से एल्बम बनाने और संगीत उत्सव मनाने में जो पैसे लुटाए गए उसका हिसाब केदारनाथ के पूर्व विधायक को देना चाहिए। बीजेपी के वरिष्ठ नेता बलराज पासी के द्वारा भी हरीश रावत सरकार में दोनों मामलों को लेकर सवाल तो उठाया ही गया है।इसके साथ ही जिस सड़क मार्ग पर कांग्रेस केदारनाथ तक यात्रा निकालने जा रही है उसका भी जिक्र किया गया है कि आज जिस ऑलवेदर पर कांग्रेस यात्रा निकाल रही है वो केंद्र की मोदी सरकार की ही देन है। हिटो केदार और कैलाश खेर के द्वारा बनाई गई एल्बम पर जहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल खड़े करते हुए हिसाब देने की बात कही है। उनका जवाब देने का काम पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के द्वारा किया गया है। हरीश रावत का कहना है कि महेंद्र भट्ट जहां चाहे वो उन्हें हिसाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा है कि महेंद्र भट्ट खुद स्थान का चयन कर बता दें।