उत्तराखंड में 2917 पदों पर बेसिक शिक्षकों की भर्ती में हो रहा खेल, पढ़िए पूरी खबर..
उत्तराखंड: प्रदेश के मूल या स्थायी निवासी उत्तर प्रदेश से डीएलएड नहीं कर सकते। उत्तराखंड की तरह यूपी में भी डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन के दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में बाहरी राज्यों के युवाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है, लेकिन उत्तराखंड के प्राथमिक विद्यालयों में 2917 पदों के लिए चल रही शिक्षकों की भर्ती में इस तरह के अभ्यर्थियों को शामिल किया जा रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड के स्थायी निवासी यदि अन्य प्रदेशों से डीएलएड का डिप्लोमा लेकर आते हैं, तो उनके लिए हमारे यहां शिक्षक भर्ती का रास्ता खुला है, लेकिन सवाल यह है, कोई डिप्लोमा पाने के लिए यूपी का मूल निवासी और शिक्षक भर्ती के लिए उत्तराखंड का स्थायी निवासी कैसे हो सकता है।
शिक्षकों की भर्ती के लिए कर रहे आवेदन..
दरअसल पूरा मामला डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन के दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के फर्जीवाड़े से जुड़ा है। उत्तराखंड में यदि किसी को डीएलएड करना है तो प्रवेश के लिए राज्य का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। ठीक इसी तरह उत्तर प्रदेश में डीएलएड़ के लिए यूपी का मूल निवासी होना जरूरी है, लेकिन यूपी से डीएलएड करने के बाद कई युवा उत्तराखंड में होने वाली शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन कर रहे हैं। उत्तराखंड के प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रामकृष्ण उनियाल का कहना हैं यदि कोई अभ्यर्थी उत्तराखंड का स्थायी निवासी है, जिसने किसी भी दूसरे राज्य से डीएलएड किया है, वे यहां होने वाली शिक्षकों की भर्ती में शामिल हो सकता है। शासन ने इसका आदेश जारी किया है। यही वजह है कि शिक्षक भर्ती के लिए अन्य राज्यों से डीएलएड करने वाले उन अभ्यर्थियों से आवेदन लिए जा रहे हैं। जो उत्तराखंड के स्थायी निवासी हैं।
राज्य में पूर्व में हुई बेसिक के शिक्षकों की भर्ती में भी इन्हें शामिल किया गया था। अब यह बात सामने आ रही है, लेकिन बेरोजगारों को इस मसले को पहले उठाना चाहिए था। अब शिक्षक भर्ती शुरू हो चुकी है। सभी जिलों ने भर्ती के लिए आवेदन मांग लिए गए हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि पांच जुलाई तय की गई है।
पहले इन वजहों से विवादों में रही है शिक्षक भर्ती..
प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती पूर्व में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) कर चुके उम्मीदवारों को लेकर विवादों में रही हैं। सरकार ने पहले इन अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में शामिल किया। इस शासनादेश के एक महीने बाद इन्हें भर्ती में शामिल करने के आदेश को रद्द कर दिया गया। जिससे काफी समय तक मामला कानूनी दांवपेंच में उलझा रहा। अब बीएड को भी शिक्षक भर्ती के लिए अमान्य किया जा चुका है।