मनचाहे जगह तैनाती के लिए दांव पर लगानी होगी नौकरी..
शिक्षक भर्ती को लेकर इस बार है ये खास..
उत्तराखंड: प्रदेश के सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में 2930 पदों पर शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक यदि मनचाहे जिले में तैनाती की आस में नए सिरे से इस भर्ती में शामिल होते हैं तो उन्हें इसके लिए अपनी पहले से चल रही नौकरी दांव पर लगानी होगी। विभाग के अधिकारियों का कहना हैं कि पहली नौकरी के इस्तीफे के नोटिस के बाद ही उन्हें इस भर्ती में शामिल होने के लिए एनओसी मिलेगी। शिक्षक भर्ती को लेकर इस बार खास बात यह है कि पहले से तैनात शिक्षक भी इस भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं। सेवा नियमावली में इसकी व्यवस्था की गई है, लेकिन कुछ शिक्षकों का कहना है कि विभाग की ओर से इसके लिए उन्हें एनओसी नहीं दी जा रही है। जबकि सेवा नियमावली में यह व्यवस्था है कि पहले से कार्यरत शिक्षक समान पद के लिए दोबारा आवेदन कर सकते हैं।
व्यवस्था बिगड़ने की आशंका..
शिक्षकों का कहना है कि शिक्षकों को समान पद पर फिर से भर्ती का अवसर दिए जाने से गढ़वाल मंडल के कुमाऊं मंडल में कार्यरत शिक्षक अपने मंडल व जिले में तैनाती पा सकेंगे। जबकि कुमाऊं मंडल के गढ़वाल मंडल में कार्यरत शिक्षक यदि मेरिट में आते हैं तो अपने गृह जिले में तैनाती पा सकते हैं, लेकिन जिलों में जिला शिक्षा अधिकारी उन्हें इसके लिए यह कहते हुए एनओसी नहीं दे रहे हैं कि इससे व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है। इससे जिलों में शिक्षकों के कई पद खाली हो जाएंगे। प्राथमिक शिक्षक संघ तदर्थ समिति के अध्यक्ष गोविंद सिंह बोरा बताते हैं कि कुछ शिक्षकों ने संगठन को इस समस्या से अवगत कराया है। संगठन, विभाग से इस मसले पर बात करेगा।
तीन सौ से अधिक शिक्षकों ने किया है आवेदन..
प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए विभिन्न जिलों ने आवेदन मांगे हैं। शिक्षकों के अनुसार पिथौरागढ़ में 322, नैनीताल में 161, बागेश्ववर में 186, पौड़ी में 282, टिहरी में 279, रुद्रप्रयाग में 172, उत्तरकाशी में 170, चमोली में 431, ऊधमसिंह नगर में 266, हरिद्वार में 149 पद समेत विभिन्न जिलों ने आवेदन मांगे हैं। इन पदों पर पहले से कार्यरत 300 से अधिक शिक्षकों ने आवेदन किया है। मनचाहे जिले में तैनाती की आस में उन्होंने आवेदन किया है, लेकिन विभाग से उन्हें एनओसी नहीं मिल रही है।