भू कानून को लेकर धामी का बड़ा बयान
राज्य में जल्द लागू हो सकता है भू कानून
उत्तराखण्ड- राज्य में लम्बे समय से चल रही भू कानून की मांग पर धामी सरकार गंभीर कदम उठाने जा रही है। भू कानून पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि राज्य में भू-कानून लागू करना उनकी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार के लिए जनभावनाओं का सम्मान सर्वोपरि है उन्होंने कहा कि भू.कानून के लिए गठित समिति की रिपोर्ट सरकार को मिल चुकी है रिपोर्ट का अध्ययन व परीक्षण चल रहा है ,जल्द ही इस रिपोर्ट को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।
आपको बता दें कि उत्तराखण्ड में हिमांचल प्रदेश की तर्ज पर लम्बे समय से भू कानून की मांग राज्य के मूल निवासियों द्वारा की जा रही है। 1972 में हिमांचल प्रदेश में भू-कानून बनाया गया इस कानून के अन्तर्गत दूसरे राज्यों के लोग हिमांचल में जमीन नहीं खरीद सकते थे। हिमांचल में जमीन खरीदने के लिए आपको कम से कम 30 वर्ष हिमांचल में निवासरत होना अनिवार्य है।
ऐसा नहीं है कि उत्तराखण्ड में भू-कानून की मांग ज्वलंत मुद्दा नहीं हैं इसके लिए पूर्व में मांग की जाती रही है। राज्य स्थापना के बाद वर्ष 2002 में प्रावधान किया गया कि बाहरी व्यक्ति उत्तराखण्ड में सिर्फ 500 वर्गमीटर तक भूमि खरीद सकते हैं जिसे वर्ष 2007 में घटा कर 250 वर्गमीटर कर दिया गया।
क्यों जरूरी है भू कानून
वर्तमान में उत्तराखण्ड में अधिकर होटल, रेस्टोरेंट व अन्य कई उद्योग बाहरी राज्यों के लोग चला रहे हैं। स्थानीय निवासियों को रोजगार की तलाश में राज्य से बाहर भटकना पड रहा है। जिस कारण स्थानीय लोगों द्वारा राज्य में सशक्त भू-कानून की मांग तेजी से की जा रही है। अगर राज्य में जनभावनाओं के अनुरूप भू-कानून आ जाता है तो बाहरी व्यक्तियों के स्थान पर राज्य के स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
क्या है स्थिति
बहराल सशक्त भू कानून के लिए सुभाष कुमार कमेटी ने रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। रिपोर्ट की सिफारिशों के क्रम में राजस्व विभाग द्वारा गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों के आयुक्तों से स्थानीय भू कानून के प्रावधानों के क्रम में रिपोर्ट मांगी है। अभी आयुक्तों से शासन को रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। माना जा रहा है कि जल्द रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद लागू की जाने वाली सिफारिशों पर कार्रवाई को लेकर राजस्व विभाग प्रस्ताव तैयार करेगा और उसे कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।