शिक्षा का उपयोग समाज की भलाई के लिए होना चाहिए, पिथौरागढ़ में बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत..
उत्तराखंड: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे के दौरान रविवार को पिथौरागढ़ पहुंचे। डीडीहाट स्थित शेर सिंह कार्की सरस्वती विहार, मुवानी पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। संघ प्रमुख ने सबसे पहले समाजसेवी स्व. शेर सिंह कार्की की समाधि स्थल के पास चंदन के वृक्ष का पौधरोपण किया। इसके बाद उनकी फोटो में माल्यार्पण कर नव निर्मित शेर सिंह कार्की विद्यालय भवन का दीप जलाकर लोकार्पण किया। लोगों से भरे सभागार को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पहाड़ों से पलायन को रोकने के लिए खेती करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खेती को स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा दो तरह की होती है। एक बाहर की शिक्षा और एक अंदर की शिक्षा। शिक्षा मिलने के बाद उसका सटीक उपयोग दूसरे को अच्छी शिक्षा देना हैं।
उनका कहना हैं कि कालांतर में बड़े-बड़े ऋषि और अनपढ़ लोगों ने महान कार्य किए हैं। यदि वे ज्यादा पढ़े लिखे होते तो और महान कार्य करते। विद्या का उपयोग दूसरों को अपनी शिक्षा बांटना, उस शिक्षा से कमाया धन को दान करना और अपनी शक्ति का उपयोग उसकी सुरक्षा के लिए करने से ही शिक्षा का सही सदुपयोग होता है।
आपको बता दे कि मोहन भागवत ने सभी से विद्या भारती द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कर रहे उल्लेखनीय योगदान में अपने-अपने स्तर से अंशमात्र सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व भारत की कुटुंब व्यवस्था की बात को सही ठहरा रहा है। भारत की प्राचीन वैभव और अध्यात्म से ही आज पूरा विश्व हमें विश्व गुरु मान रहा है। हमारी सम्पूर्ण शिक्षा और स्वरोजगार के मार्ग से ही हम धीरे धीरे विश्व गुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इस दौरान कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, डीडीहाट विधायक बिशन सिंह चुफाल समेत कुलपति उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय नैनीताल डॉ ओम प्रकाश सिंह नेगी और कई लोग मौजूद रहे।