केदारनाथ पैदल मार्ग 4 घंटे, बद्रीनाथ हाईवे 2 घंटे रहा बंद..
गौरीकुंड और सोनप्रयाग में रोके गए यात्री..
देश-दुनिया : केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुंड घोड़ा पड़ाव के पास पहाड़ी से मलबा और बोल्डर आ जाने से मार्ग चार घंटे बाधित रहा। लोक निर्माण विभाग गुप्तकाशी, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ की टीम ने चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रास्ता खोला। जिला प्रशासन ने इसके बाद 10,800 यात्री केदारनाथ भेजे। जबकि, दस हजार यात्रियों को गौरीकुंड और सोनप्रयाग में रोका गया। इन्हें आज केदारनाथ भेजा जाएगा।
बीती रात हुई बारिश के चलते मंगलवार सुबह छह बजे गौरीकुंड से एक किलोमीटर आगे पहाड़ी से मलबा आने से पैदल मार्ग अवरुद्ध हो गया। गनीमत रही कि इस दौरान कोई यात्री वहां से नहीं गुजर रहा था। रास्ता बंद होने से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री गौरीकुंड और सोनप्रयाग में फंस गए। सूचना मिलने पर पुलिस, आईटीबीपी, एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और बोल्डर और मलबा हटाने का काम शुरू किया। करीब दस बजे रास्ता खोला गया।
यात्रा मार्ग अवरुद्ध होने के बाद प्रशासन ने गौरीकुंड और सोनप्रयाग में लगभग दस हजार यात्रियों को रोक दिया। साथ ही केदारनाथ के दर्शन कर वापस लौट रहे यात्रियों को जंगलचट्टी और भीमबली में भी रोका गया। केदारनाथ पैदल मार्ग के साथ ही हाईवे पर भी कई स्थानों पर पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है।
डीएम रुद्रप्रयाग मयूरी दीक्षित ने कहा कि केदारनाथ यात्रा सुचारु रूप से चल रही है। यात्रियों को यात्रा पड़ावों की क्षमता के अनुसार नियमित आगे भेजा जा रहा है। यात्रा मार्ग की निरंतर निगरानी की जा रही है। यात्रा निर्बाध गति से चल रही है।
बदरीनाथ हाईवे दो घंटे रहा बंद..
पंचपुलिया के पास सड़क चौड़ीकरण के दौरान पहाड़ी से बोल्डर गिर जाने से बदरीनाथ हाईवे दो घंटे तक बंद रहा। रास्ता बंद हो जाने से सड़क के दोनों तरफ करीब पांच किमी से लंबा जाम लग गया। बोल्डर और मलबा हटाने के लिए सिर्फ एक छोटी मशीन होने के कारण रास्ता खोलने में करीब दो घंटे लग गए। एनएच के अवर अभियंता प्रिंस ने बताया कि बड़ी मशीन में खराबी के चलते मरम्मत के लिए अन्यत्र भेजी गई थी। जिसे मंगाने में कुछ समय लग गया। बावजूद जल्द हाईवे से मलबा हटा दिया गया। लेकिन जाम करीब पांच, छह किमी लंबा होने की वजह से समय लगा।